Friday, December 19

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उपशीर्षक : बॉर्डर बंद, व्यापार ठप… फल–सब्जियों की महंगाई से लेकर उद्योगों की सांसें उखड़ीं
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उपशीर्षक : बॉर्डर बंद, व्यापार ठप… फल–सब्जियों की महंगाई से लेकर उद्योगों की सांसें उखड़ीं

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों में जारी तनाव अब सीधे-सीधे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ने लगा है। अक्टूबर में सीमा पर हुई गोलीबारी के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार पूरी तरह बंद है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस बंदी से अफगानिस्तान पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा, लेकिन नतीजा उलटा निकला। तालिबान सरकार ने भारत, ईरान, तुर्की और मध्य एशिया के देशों से नए व्यापारिक रास्ते खोलकर अपने बाजार को स्थिर रखा, जबकि पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट में फंस गया। पाकिस्तान में फल–सब्जियां दोगुनी कीमत पर अफगानिस्तान से रोजाना आने वाले फल और सब्जियों की आपूर्ति रुकने से पाकिस्तान में कई जरूरी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं। कुछ शहरों में टमाटर 500 रुपए किलो तक पहुंच गया है। आम जनता महंगाई की इस मार से बेहाल है। उद्योग ठप, उत्पादन में भारी गिरावट ट्रेड रुकने का सबसे बड़ा असर पाकिस्तान की मैन्युफैक...
शीर्षक : पाकिस्तान और बांग्लादेश में बढ़ी चीनी दूल्हों की खोज — गरीबी और लालच का शिकार हो रहीं मासूम लड़कियां
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शीर्षक : पाकिस्तान और बांग्लादेश में बढ़ी चीनी दूल्हों की खोज — गरीबी और लालच का शिकार हो रहीं मासूम लड़कियां

चीन आज दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्ति है, लेकिन उसकी सबसे बड़ी चुनौती अब जनसंख्या संकट बन गई है। दशकों पहले लागू की गई एक-बच्चे की नीति ने चीन में लड़कियों की भारी कमी पैदा कर दी है। इसका नतीजा यह है कि लाखों चीनी पुरुषों को अपने ही देश में दुल्हन नहीं मिल रही। इसी कमी ने पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे गरीब पड़ोसी देशों में सीमा पार शादियों की नई लहर पैदा कर दी है। चीन में महिलाओं की गंभीर कमी — वजह बना पुराना कानून 1970 के दशक में जनसंख्या नियंत्रण के लिए चीन ने एक-बच्चे की नीति लागू की थी। इससे— बड़े पैमाने पर महिला भ्रूण हत्याएँ हुईं पुरुषों और महिलाओं की संख्या का असंतुलन बढ़ा आज लाखों चीनी युवाओं को शादी के लिए लड़की नहीं मिल पा रही इन युवकों को चीन में ‘लेफ्टओवर मेन’ कहा जाने लगा है। पाकिस्तान और बांग्लादेश — दुल्हनों के नए ‘बाजार’ चीनी पुरुष जिन देशों में अधिक द...
उपशीर्षक : यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार भारत आ रहे पुतिन, रूस को श्रमिकों की भारी कमी — भारतीय कामगारों के लिए बने नए अवसर
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उपशीर्षक : यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार भारत आ रहे पुतिन, रूस को श्रमिकों की भारी कमी — भारतीय कामगारों के लिए बने नए अवसर

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। कूटनीतिक और रणनीतिक चर्चाओं के साथ-साथ इस बार दोनों देशों के बीच कामगारों को लेकर एक बड़ी डील होने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इज़रायल की तरह रूस भी अब भारतीय मजदूरों को बड़े पैमाने पर अवसर देने जा रहा है। रूस को 10 लाख विदेशी मजदूरों की आवश्यकता रूस की लेबर मिनिस्ट्री के अनुसार, देश में कार्यबल की भारी कमी है, और 2030 तक यह कमी 31 लाख तक पहुंच सकती है। यूक्रेन युद्ध में हजारों सैनिकों के मारे जाने और जनसंख्या वृद्धि दर गिरने से रूस के कई सेक्टरों में श्रमिकों का संकट गहरा गया है। रूस लंबे समय से मध्य एशिया से मजदूर बुलाता रहा है, लेकिन मार्च 2024 में मॉस्को में हुए बड़े आतंकी हमले कट्टरप...
पाकिस्तान में सत्ता संघर्ष गहराया: सेना को भी नहीं पता असली चीफ कौन, असीम मुनीर पर संकट गहरा, शहबाज सरकार की ‘बैकडोर राजनीति’ उजागर
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पाकिस्तान में सत्ता संघर्ष गहराया: सेना को भी नहीं पता असली चीफ कौन, असीम मुनीर पर संकट गहरा, शहबाज सरकार की ‘बैकडोर राजनीति’ उजागर

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सेना और नागरिक सरकार के बीच खींचतान खतरनाक मोड़ ले रही है। संविधान संशोधन के तहत बनाए गए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) के पद पर पहली नियुक्ति की डेडलाइन बीत चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। इसी के साथ मौजूदा आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर की स्थिति भी असमंजस में है—और सबसे हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तानी सेना को खुद नहीं पता कि उनका असली चीफ आखिर है कौन! स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि देश की राजनीति और सेना दोनों अनिश्चितता के दौर में फंस गए हैं। CDF पद 27 नवंबर को खाली हो गया, जबकि मुनीर के आर्मी चीफ के कार्यकाल की समय सीमा 29 नवंबर को खत्म हो गई। इसके बावजूद सरकार ने कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है, जिससे बड़े टकराव के संकेत मिल रहे हैं। भारत के लिए भी खतरे की चेतावनी भारतीय NSAB के पूर्व सदस्य तिलक देवाशेर ने ANI से बातचीत में पाकिस्तान...
दुनिया में बढ़ता तनाव: क्या ताइवान विवाद से भड़क सकती है तीसरा विश्व युद्ध
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दुनिया में बढ़ता तनाव: क्या ताइवान विवाद से भड़क सकती है तीसरा विश्व युद्ध

एशिया का माहौल इन दिनों बेहद तनावपूर्ण होता जा रहा है। ताइवान मुद्दे को लेकर चीन और जापान के बीच बढ़ती तकरार अब सैन्य टकराव की देहरी तक पहुँच गई है। जापानी प्रधानमंत्री द्वारा ताइवान पर सैन्य कार्रवाई पर विचार करने वाले बयान ने बीजिंग को भड़काया, और इसके बाद दोनों देशों के बीच जुबानी जंग तेज़ हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक भी गलत कदम वैश्विक संकट को जन्म दे सकता है — जिसकी परिणति तीसरे विश्व युद्ध जैसी भयावह स्थिति में हो सकती है। उप्साला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अशोक स्वैन ने चेतावनी देते हुए कहा कि भले ही सीधी जंग की संभावना कम हो, लेकिन परिस्थितियाँ अनियंत्रित हो जाएँ, यह बिल्कुल संभव है। उनके अनुसार चीन और जापान वर्तमान में जिस तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं, वह पूरे एशिया–प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन रहा है। ताइवान ...
कॉलेज स्टूडेंट मर्डर केस के बाद इटली ने बनाया फेमिसाइड कानून, महिला के हत्यारे को होगी उम्रकैद
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कॉलेज स्टूडेंट मर्डर केस के बाद इटली ने बनाया फेमिसाइड कानून, महिला के हत्यारे को होगी उम्रकैद

रोम: इटली की संसद ने मंगलवार को ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए फेमिसाइड को अपराध के रूप में मान्यता दे दी। फेमिसाइड वह गंभीर अपराध है जिसमें किसी महिला की उसके जेंडर के कारण हत्या कर दी जाती है। इस कानून को सत्ताधारी सेंटर-राइट मेजॉरिटी और सेंटर-लेफ्ट विपक्ष दोनों ने समर्थन दिया। प्रधानमंत्री जॉर्जियो मेलोनी ने कहा कि उनका लक्ष्य एक ऐसा इटली बनाना है, जहां कोई महिला कभी अकेली या डरी हुई न महसूस करे। फेमिसाइड क्या है?महिलाओं को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा में फेमिसाइड सबसे गंभीर अपराध माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में लगभग 50,000 महिलाओं और लड़कियों को उनके करीबी पार्टनर या परिवार के सदस्यों ने मार डाला। अलग कानून की जरूरत:हालांकि ज्यादातर देशों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए कानून मौजूद हैं, लेकिन फेमिसाइड को जेंडर आधारित अपराध मानना एक नई पहल है। इस कानू...
62 साल में बने दूल्हा, पद पर रहते हुए शादी करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई पीएम बने एंथनी अल्बनीज
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62 साल में बने दूल्हा, पद पर रहते हुए शादी करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई पीएम बने एंथनी अल्बनीज

कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने 62 वर्ष की उम्र में जोडी हेडन के साथ शादी रचाई। यह समारोह कैनबरा स्थित उनके आवास द लॉज में प्राइवेट अंदाज में आयोजित किया गया। अल्बनीज पद पर रहते हुए शादी करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री बन गए हैं। अल्बनीज ने बीते साल वैलेंटाइन्स डे पर हेडन को प्रपोज किया था। शादी के समारोह में सरकार के कई महत्वपूर्ण सदस्य शामिल हुए, जिनमें कैबिनेट मंत्री जिम चाल्मर्स, पेनी वोंग, कैटी गैलाघर, रिचर्ड मार्लेस और अभिनेता राइस मुलडून भी मौजूद रहे। हेडन की भतीजी एला और उनके भाई पैट्रिक भी इस खुशी के मौके पर गवाह बने। शादी में देरी का कारण चुनाव:अल्बनीज की शादी पिछले साल ही चर्चा में थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में मई 2025 के चुनाव के चलते इसे टाल दिया गया। इस साल मई में हुए चुनाव में अल्बनीज ने जीत हासिल की और दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। शादी के बाद ...
सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण 2027 में: जानें कब और कहां दिखेगा अंधेरा
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सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण 2027 में: जानें कब और कहां दिखेगा अंधेरा

वॉशिंगटन: खगोल वैज्ञानिकों और आकाश प्रेमियों के लिए 2 अगस्त 2027 का दिन बेहद खास होगा। इस दिन सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा। इस दौरान 6 मिनट 23 सेकंड तक सूर्यग्रहण चलेगा और आकाश में शाम जैसी अंधेरी छाया छा जाएगी। सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी की एक रेखा में आ जाते हैं। पूर्ण सूर्यग्रहण में चंद्रमा सूर्य के पूरे भाग को ढक देता है, जिससे पृथ्वी पर अंब्रा (छाया का क्षेत्र) पड़ता है। हालांकि, इस छाया की चौड़ाई केवल कुछ दर्जन से सौ किलोमीटर होती है, जिसे पाथ ऑफ टोटैलिटी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि पूर्ण सूर्यग्रहण का अंधेरा केवल इस पतली पट्टी पर रहने वाले लोग ही देख पाएंगे। इसलिए पूरी दुनिया में अंधेरा नहीं होगा। 2027 का सूर्यग्रहण क्यों खास है?यह ग्रहण इसलिए लंबा और खास माना जा रहा है क्योंकि उस समय सूर्य पृथ्वी से अपनी अधिकतम दूरी पर होगा, जबकि च...
‘डॉलर के लिए बेचा ईमान’ – मौलाना फजलुर्रहमान ने खोल दी पाकिस्तान की पोल, अफगान नीति पर साधा निशाना
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‘डॉलर के लिए बेचा ईमान’ – मौलाना फजलुर्रहमान ने खोल दी पाकिस्तान की पोल, अफगान नीति पर साधा निशाना

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के एमएनए और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान ने अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और सरकार की अफगान पॉलिसी हमेशा से विफल रही है और यह नीति केवल सत्ता में बने लोगों के व्यक्तिगत फायदे के लिए लागू की गई। फजलुर्रहमान ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हालिया तनाव के लिए सीधे तौर पर सेना को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बेहतर और टिकाऊ संबंध बनाने की बजाय पाकिस्तान ने अपने राजनीतिक और आर्थिक हितों को प्राथमिकता दी। ‘हमने डॉलर लेकर समझौते किए’मौलाना फजलुर्रहमान ने व्यापारियों के साथ बैठक में बताया कि देश के दो सैन्य शासक, जिया उल हक और परवेज मुशर्रफ, विशेष रूप से अफगान नीति को नुकसान पहुंचाने में शामिल रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका से मिले डॉलर के लालच में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान क...
भारत–अमेरिका के बीच 7,995 करोड़ की बड़ी रक्षा डील, नौसेना के MH-60R हेलीकॉप्टर को मिलेगा मजबूत सपोर्ट
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भारत–अमेरिका के बीच 7,995 करोड़ की बड़ी रक्षा डील, नौसेना के MH-60R हेलीकॉप्टर को मिलेगा मजबूत सपोर्ट

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को 7,995 करोड़ रुपये की एक महत्वपूर्ण रक्षा डील पर हस्ताक्षर किए। यह करार भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों के रखरखाव, स्पेयर पार्ट्स, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता को सुदृढ़ करेगा। समझौते पर हस्ताक्षर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में किए गए। हेलीकॉप्टरों के लिए व्यापक सपोर्ट पैकेज रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह समझौता फॉरेन मिलिटरी सेल्स (FMS) कार्यक्रम के तहत किया गया है। इसके तहत नौसेना के हेलीकॉप्टर बेड़े को फॉलो-ऑन सपोर्ट पैकेज, स्पेयर्स, सपोर्ट उपकरण, प्रोडक्शन सपोर्ट, तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।समझौते में जरूरी पुर्जों की मरम्मत, पुनः-आपूर्ति तथा भारत में इंटरमीडिएट लेवल रिपेयर और पीरियॉडिक मेंटेनेंस सुविधाओं की स्थापना भी शामिल है। आत्मनिर्भरता और नौसेना की क्षमता में बड़ा इजाफा र...