Friday, December 19

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अमित शाह की समयसीमा से 12 दिन पहले ही मारा गया कुख्यात नक्सली हिडमा, सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी
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अमित शाह की समयसीमा से 12 दिन पहले ही मारा गया कुख्यात नक्सली हिडमा, सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा माओवादी कमांडर माडवी हिडमा को खत्म करने के लिए तय की गई 30 नवंबर की समयसीमा से 12 दिन पहले ही सुरक्षा बलों ने हिडमा को मार गिराया। यह ऑपरेशन आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित घने पुल्लागंडी जंगलों में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री ने देश से माओवाद उन्मूलन की दिशा में 31 मार्च 2026 तक की समयसीमा तय की थी। इसी योजना के तहत, एक समीक्षा बैठक में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को हिडमा को 30 नवंबर से पहले खत्म करने का निर्देश दिया गया था। इस लक्ष्य को पहले ही पूरा कर लिया गया। सूत्रों ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की तीव्रता को देखते हुए गृह मंत्री द्वारा तय मार्च 2026 की समयसीमा से भी पहले वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने की संभावना है। हिडमा, जो 1981 में सुकमा में जन्मा था, प...
क्या भारत पर लंबी दूरी की मिसाइलें दागने की तैयारी में पाकिस्तान? संविधान संशोधन के बाद असीम मुनीर के हाथों में परमाणु कमांड की पूरी बागडोर
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क्या भारत पर लंबी दूरी की मिसाइलें दागने की तैयारी में पाकिस्तान? संविधान संशोधन के बाद असीम मुनीर के हाथों में परमाणु कमांड की पूरी बागडोर

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अपने संविधान में किए गए 27वें संशोधन के जरिए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को देश की रक्षा व्यवस्था का सबसे शक्तिशाली अधिकारी बना दिया है। संशोधन के बाद मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) नियुक्त किया गया है और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) का पद पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब तीनों सेनाओं, रक्षा योजनाओं, सामरिक कमांड और यहां तक कि परमाणु हथियारों का नियंत्रण सीधे एक ही व्यक्ति के हाथ में आ गया है। यह बड़ा बदलाव पाकिस्तान द्वारा मई 2025 में भारत के साथ हुए चार दिवसीय संघर्ष में मिली पराजय के बाद किया गया है। भारत के तेज और सटीक हमलों का जवाब देने में नाकाम रहे पाकिस्तान ने अब अपनी सैन्य संरचना को केंद्रीकृत करने का फैसला लिया है। परमाणु कमांड सेंटर भी मुनीर के हाथों में नए संशोधन का सबसे गंभीर प्रभाव पाकिस्तान की परमाणु संरचना...
भारत को मिली ‘दोस्त’ को बचाने की कुंजी: 2013 की संधि की दो धाराएं बनेंगी हसीना की ढाल
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भारत को मिली ‘दोस्त’ को बचाने की कुंजी: 2013 की संधि की दो धाराएं बनेंगी हसीना की ढाल

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बचाने के लिए भारत के पास अब मजबूत कानूनी आधार मौजूद है। बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) द्वारा ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ में दोषी ठहराकर फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद ढाका ने भारत से उनके प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की है। लेकिन 2013 में भारत-बांग्लादेश के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि की दो धाराएं—धारा 6 और धारा 8—भारत के लिए ‘अचूक हथियार’ साबित हो सकती हैं। हसीना 5 अगस्त 2024 को इस्तीफे के बाद भारत आई थीं और पिछले 15 महीनों से दिल्ली के एक सेफ हाउस में रह रही हैं। यह पहला मौका है जब बांग्लादेश ने औपचारिक रूप से उन्हें सौंपने का दबाव बनाया है। बांग्लादेश की मांग और भारत का जवाब ढाका के विदेश मंत्रालय ने भारत से कहा कि “मानवता के विरुद्ध अपराधों के दोषी व्यक्तियों को शरण देना किसी भी देश के लिए अमित्र व्यवहार है।” भारत की ...
भारत वाला राफेल चाहिए! यूक्रेन–फ्रांस की ऐतिहासिक डील, जिसे पाकिस्तान पर कहर बनकर बरसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ वाले राफेल ने साबित किया दम
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भारत वाला राफेल चाहिए! यूक्रेन–फ्रांस की ऐतिहासिक डील, जिसे पाकिस्तान पर कहर बनकर बरसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ वाले राफेल ने साबित किया दम

नई दिल्ली। रूस के हमलों से जूझ रहे यूक्रेन ने अपनी वायु क्षमता को मजबूत करने के लिए फ्रांस के साथ एक बड़ा रक्षा समझौता किया है। इस समझौते के तहत यूक्रेन अगले 10 वर्षों में 100 डसॉल्ट राफेल F4 मल्टी-रोल फाइटर जेट खरीदेगा। यह वही राफेल है जिसकी मारक क्षमता भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान पर पूरी दुनिया देख चुकी है। यह समझौता स्वीडन से 150 ग्रिपेन E विमान खरीदने की संभावित प्लानिंग के खुलासे के कुछ ही दिनों बाद हुआ है—जो स्पष्ट संकेत है कि यूक्रेन पश्चिमी देशों की उन्नततम सैन्य तकनीक को अपने हथियारागार में शामिल करने के लिए बेहद आक्रामक रणनीति अपना रहा है। जेलेंस्की बोले—“यह हमारी सबसे बड़ी एयर डिफेंस क्षमता बनेगी” फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पेरिस के पास स्थित विलाकोब्ले एयरबेस में आशय पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा...
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को फांसी की सजा, ICT ने लगाया मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप
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बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को फांसी की सजा, ICT ने लगाया मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप

ढाका।बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने मानवता के खिलाफ गंभीर अपराधों के आरोप में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने शेख हसीना, तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को जुलाई–अगस्त 2024 के आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान 1400 प्रदर्शनकारियों की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया। कोर्ट का आदेश और आरोप ICT की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि शेख हसीना ने छात्रों और नागरिकों पर क्रूर दमन के आदेश दिए। कोर्ट ने बताया कि उन्होंने हेलीकॉप्टर और ड्रोन के माध्यम से प्रदर्शनकारियों पर निगरानी और घातक हमले करने की अनुमति दी। ढाका यूनिवर्सिटी के वीसी को फोन कर धमकी दी कि जैसे रजाकारों को सजा दी गई थी, उसी तरह प्रदर्शनकारियों को भी मारा जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि अस्पतालों को निर्देशित...
फांसी की सजा पर शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया: बांग्लादेशी कोर्ट का फैसला ‘पक्षपाती और राजनीतिक प्रेरित’
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फांसी की सजा पर शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया: बांग्लादेशी कोर्ट का फैसला ‘पक्षपाती और राजनीतिक प्रेरित’

ढाका/नई दिल्ली।मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में दोषी ठहराए जाने और मौत की सजा सुनाए जाने के बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे “धांधली से स्थापित पक्षपातपूर्ण और अलोकतांत्रिक ट्रिब्यूनल” का फैसला बताया। शेख हसीना का बयान हसीना ने कहा कि यह ट्रिब्यूनल एक अंतरिम सरकार द्वारा चलाया जा रहा है, जिसका कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है। उनके अनुसार, उनके खिलाफ मौत की सजा की सिफारिश इस बात का संकेत है कि सरकार के चरमपंथी तत्व बांग्लादेश की निर्वाचित प्रधानमंत्री और अवामी लीग को राजनीतिक रूप से समाप्त करना चाहते हैं। हसीना ने आरोप लगाया कि ICT के ट्रायल न तो न्याय दिलाने के लिए थे और न ही 2025 की घटनाओं की सच्चाई सामने लाने के लिए। उनका उद्देश्य अवामी लीग को बलि का बकरा बनाना और अंतरिम सर...
नेपाल ने बैंक नोट भारत में छपवाना बंद किया, चीन को क्यों बनाया रुपया छपवाने की नई फैक्ट्री? जानिए पूरी डील का अंदरूनी खेल
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नेपाल ने बैंक नोट भारत में छपवाना बंद किया, चीन को क्यों बनाया रुपया छपवाने की नई फैक्ट्री? जानिए पूरी डील का अंदरूनी खेल

नेपाल ने अब अपनी करेंसी के मुद्रण के लिए भारत को छोड़कर चीन की तरफ रुख कर लिया है, जो भारत के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। चीन की सरकारी कंपनी चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन (CBPMC) को नेपाल ने अब अपनी मुद्रा छापने का ठेका दे दिया है। इस डील के तहत, चीन अब नेपाल के 1,000 रुपये के 43 करोड़ नोटों का डिज़ाइन और मुद्रण करेगा। यह बदलाव नेपाल और भारत के रिश्तों में बढ़ती खटास और चीन की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। नेपाल और भारत के रिश्तों में खटासनेपाल का भारत से अपने रुपये छपवाना बंद करने के पीछे सबसे बड़ी वजह दोनों देशों के बीच 2015 के बाद शुरू हुआ सीमा विवाद है। 2015 में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा घोषित कर दिया था, जिसके बाद भारत और नेपाल के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। इस विवाद के बाद नेपाल...
भारतीय महिलाओं को फंसाने का ISI का खतरनाक प्लान, कैसे पाकिस्तान जाने वाली सरबजीत बनी नूर हुसैन, जेहादी मॉड्यूल का
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भारतीय महिलाओं को फंसाने का ISI का खतरनाक प्लान, कैसे पाकिस्तान जाने वाली सरबजीत बनी नूर हुसैन, जेहादी मॉड्यूल का

15 नवम्बर 2025, इस्लामाबाद: भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार खुफिया गतिविधियाँ और साजिशें सामने आ रही हैं, जिनमें एक चौंकाने वाला मामला अब सामने आया है। पंजाब से धार्मिक यात्रा पर पाकिस्तान गई एक सिख महिला, सरबजीत कौर के लापता होने के बाद अब यह खुलासा हुआ है कि उसने पाकिस्तान में इस्लाम धर्म अपनाया और पाकिस्तानी नागरिक से शादी कर ली। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह घटना पाकिस्तान की एक खुफिया साजिश का हिस्सा हो सकती है, जिसमें महिलाओं को निशाना बना कर उन्हें धार्मिक रूप से परिवर्तित कर, खुफिया जानकारी जुटाई जाती है। सरबजीत कौर बनी नूर हुसैनसरबजीत कौर, जो पंजाब से सिख जत्थे के साथ पाकिस्तान यात्रा पर गई थी, वह अब पाकिस्तान के शेखूपुरा में नासिर हुसैन नामक व्यक्ति से शादी करने के बाद नूर हुसैन के नाम से जानी जाती हैं। उनके निकाहनामा के दस्तावेज़ भी सामने आए हैं, जिसमें कहा गया है कि...
गाजा से 150 फिलिस्तीनियों को लेकर दक्षिण अफ्रीका पहुंचा रहस्यमय हवाई जहाज, जोहांसबर्ग एयरपोर्ट पर मचा हड़कंप
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गाजा से 150 फिलिस्तीनियों को लेकर दक्षिण अफ्रीका पहुंचा रहस्यमय हवाई जहाज, जोहांसबर्ग एयरपोर्ट पर मचा हड़कंप

15 नवम्बर 2025, जोहांसबर्ग:दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में एक हवाई जहाज ने शुक्रवार को लैंडिंग की, जिससे बड़ा हड़कंप मच गया। विमान में 150 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक सवार थे, जो गाजा से आए थे। इन यात्रियों के पास यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं थे, जिस कारण उन्हें विमान से उतरने की अनुमति नहीं दी गई। कई घंटे तक वे विमान में ही रोके गए, जिसके बाद इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया। देर रात तक विमान में ही रहे यात्रीदक्षिण अफ्रीका की सीमा एजेंसी ने जानकारी दी कि यह चार्टर्ड विमान बृहस्पतिवार सुबह जोहांसबर्ग के ओ आर ताम्बो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा, लेकिन यात्रियों को देर रात तक उतारने की अनुमति नहीं दी गई। दरअसल, जब इन यात्रियों से आव्रजन प्रक्रिया के दौरान पूछताछ की गई, तो वे यह नहीं बता पाए कि वे दक्षिण अफ्रीका में कहां और कितने समय तक रहेंगे। इसके अलावा, उनके पास...
कैसे भारतीय स्टूडेंट्स को मिलेगा कनाडा का PR? ये 5 टिप्स बढ़ा सकते हैं आपके चांस15 नवम्बर 2025, नई दिल्ली:
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कैसे भारतीय स्टूडेंट्स को मिलेगा कनाडा का PR? ये 5 टिप्स बढ़ा सकते हैं आपके चांस15 नवम्बर 2025, नई दिल्ली:

कनाडा दुनिया के उन देशों में से एक है जहां विदेशी छात्र अपनी पढ़ाई के बाद परमानेंट रेजिडेंसी (PR) प्राप्त कर सकते हैं। भारत सहित अन्य देशों के स्टूडेंट्स ने कनाडा को हायर एजुकेशन के लिए पसंद किया है, क्योंकि यहां उच्च शिक्षा के साथ-साथ नौकरी करने का भी अवसर मिलता है। इसके साथ ही, कनाडा में काम करने और पढ़ाई करने से PR प्राप्त करने का भी रास्ता खुल जाता है। आइए जानते हैं कि भारतीय स्टूडेंट्स किस तरह अपनी परमानेंट रेजिडेंसी के चांस को बढ़ा सकते हैं। 1. बदलती इमिग्रेशन पॉलिसी से अपडेट रहेंकनाडा की इमिग्रेशन पॉलिसी लगातार बदलती रहती है, इसलिए स्टूडेंट्स को इन बदलावों से अपडेट रहना जरूरी है। जैसे कि हाल ही में IRCC ने घोषणा की कि 2026 में 3.80 लाख विदेशी नागरिकों को PR दिया जाएगा। इसके लिए स्टूडेंट्स को यह समझना जरूरी है कि उन्हें किस कोर्स की पढ़ाई करनी होगी, जो PR के लिए योग्य बनाए। इसके अ...