Monday, December 22

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बिहार के सीमांचल में ‘बांग्लादेशी मुसलमान’ का सियासी मुद्दा, चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की कोशिश
Bihar, Politics

बिहार के सीमांचल में ‘बांग्लादेशी मुसलमान’ का सियासी मुद्दा, चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की कोशिश

पटना: बिहार के चुनावी माहौल में सीमांचल और कोसी क्षेत्र की राजनीति में मुसलमान समुदाय को लेकर सियासी तूफान उठ गया है। भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने सीमांचल में बसे मुसलमानों को ‘घुसपैठिया’ कहकर चुनावी मुद्दा बनाया है। दरअसल, इन मुसलमानों में से कुछ खुद को ‘शेरशाहाबादी मुस्लिम’ बताते हैं। ये लोग मूलतः पश्चिम बंगाल के हैं, बांग्ला बोलते हैं और ऐतिहासिक रूप से शेरशाह सूरी से अपने संबंध का दावा करते हैं। वहीं, क्षेत्रीय मुस्लिम समुदाय, जिन्हें स्थानीय लोग ‘देसी मुस्लिम’ कहते हैं, मुख्य रूप से सुरजापुरी और कुल्हैया बोलते हैं। शेरशाहाबादी vs देसी मुस्लिम सीमांचल के स्थानीय मुस्लिम समुदाय सुरजापुरी और कुल्हैया मुस्लिमों में बंटे हैं। सुरजापुरी आबादी सबसे बड़ी है और किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार की कई विधानसभा सीटों में निर्णायक भूमिका निभाती है। शेरशाहाबादी मुस्लिम उर्दू-बंगाली मि...
जुबिन गर्ग मामले में असम के मुख्य सूचना आयुक्त भास्कर ज्योति महंत का इस्तीफा, भाई श्यामकानु गिरफ्तार
Assam

जुबिन गर्ग मामले में असम के मुख्य सूचना आयुक्त भास्कर ज्योति महंत का इस्तीफा, भाई श्यामकानु गिरफ्तार

गुवाहाटी: असम के मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) भास्कर ज्योति महंत ने गायक जुबिन गर्ग की रहस्यमय मौत से जुड़े मामले में अपने भाई की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल को पत्र भेजकर इस्तीफे की घोषणा की। क्या कहा भास्कर ज्योति महंत ने? महंत ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, "मेरे भाई श्यामकानु महंत का नाम हाल ही में जुबिन गर्ग की मृत्यु से जुड़ा है। मेरी अंतरात्मा मुझसे कह रही थी कि यदि कोई मेरे भाई के बारे में जानकारी मांगे, तो मुझे अपनी जिम्मेदारी से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि लोगों के मन में किसी प्रकार का संदेह या आशंका न रहे।" महंत ने यह भी बताया कि उन्होंने इस निर्णय की सूचना पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय को दे दी थी। वह असम पुलिस के महानिदेशक (DGP) पद से रिटायर होने के बाद 5 अप्रैल 2023 को CIC के रूप में नियुक्त हुए थे। जुबिन गर्ग की मौत गायक जुबि...
बंगाल के स्कूलों में अब अनिवार्य होगा रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा ‘बांग्लार माटी’, वंदे मातरम पर ममता का बड़ा दांव
West Bengal

बंगाल के स्कूलों में अब अनिवार्य होगा रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा ‘बांग्लार माटी’, वंदे मातरम पर ममता का बड़ा दांव

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य के सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभाओं में राज्य गीत 'बांग्लार माटी, बांग्लार जल' को अनिवार्य कर दिया गया है। यह गीत नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित है और इसे 2023 में बंगाल का राज्य गीत घोषित किया गया था। आदेश और अमल पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (WBBSE) ने सभी उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को अधिसूचना जारी कर कहा है कि सुबह की प्रार्थना सभा में राज्य गीत नियमित रूप से गाया जाए। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने बताया कि यह गीत अब हर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में दिन की शुरुआत में गाया जाएगा। ‘बांग्लार माटी’ का इतिहास राज्य गीत ‘बांग्लार माटी’ की रचना 1905 में हुई थी। यह गीत ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों द्वारा बंगाल के विभाजन के निर्णय के विरोध...
SIR के डर से बंगाल में मुस्लिम जोड़े मैरेज रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे, सीमा वाले जिलों में सबसे ज्यादा
West Bengal

SIR के डर से बंगाल में मुस्लिम जोड़े मैरेज रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे, सीमा वाले जिलों में सबसे ज्यादा

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विशेष विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Registration) को लेकर एक नया ट्रेंड देखने को मिला है। राज्य में निकाह के बाद अब मुस्लिम जोड़े मैरेज रजिस्ट्रेशन कराने प्रशासनिक कार्यालयों में पहुंच रहे हैं। इस रुझान के पीछे मुख्य कारण है सिर्फ विशेष विवाह अधिनियम (SIR) के तहत वैधानिक विवाह का महत्व और इससे जुड़ा कानूनी सुरक्षा का भरोसा। किन जिलों में सबसे ज्यादा आवेदन? अधिकारियों ने बताया कि सीमावर्ती जिलों में आवेदन सबसे ज्यादा दर्ज हुए हैं। उत्तरी दिनाजपुर से 199, मालदा से 197, मुर्शिदाबाद से 185 और कूचबिहार से 97 आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये चारों जिले बिहार और बांग्लादेश की सीमा से लगे हुए हैं।वहीं, कोलकाता में केवल 24 आवेदन आए, जो कि सबसे कम है। झारग्राम और कलिम्पोंग में तो क्रमशः केवल 1 और 2 आवेदन दर्ज किए गए। मैरेज सर्टिफिकेट क्यों जरूरी? विशेष विवाह अधिनियम के तह...
गुड मॉर्निंग, सर! राइफल छोड़ने वाले माओवादी अब बस्तर में करेंगे मेहमानों का स्वागत
Chandigarh

गुड मॉर्निंग, सर! राइफल छोड़ने वाले माओवादी अब बस्तर में करेंगे मेहमानों का स्वागत

रायपुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के बस्तर में अब वह दृश्य देखने को मिल रहा है, जिसका कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। कभी बंदूकें थामने वाले 30 पूर्व माओवादियों ने अब हॉस्पिटैलिटी की ट्रेनिंग शुरू कर दी है और वे अब होटलों, रिसॉर्ट्स और होमस्टे में मेहमानों का स्वागत कर रहे हैं। नक्सलियों से ट्रेनी तक का सफर इन पूर्व कैडरों को बस्तर के अदवाल क्षेत्र स्थित एक स्किल डेवलपमेंट कॉलेज में तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें उन्हें होटल मैनेजमेंट, फ्रंट ऑफिस, ग्राहक सेवा, साफ-सफाई और बातचीत की कला सिखाई जा रही है। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें स्टाइपेंड भी दिया जा रहा है। बस्तर रेंज के IG पी. सुंदरराज ने बताया कि इन 30 पूर्व माओवादी कैडरों ने खुद हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को चुना। उन्होंने सेवा करना और सीखना अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प माना। IG ने यह भी बताया कि बस्तर संभाग के अन्य...
खैरागढ़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता: 17 लाख की इनामी महिला नक्सली कमला ने किया सरेंडर, कई राज किए उजागर
Chhattisgarh

खैरागढ़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता: 17 लाख की इनामी महिला नक्सली कमला ने किया सरेंडर, कई राज किए उजागर

खैरागढ़ (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। 17 लाख रुपये की इनामी हार्डकोर महिला नक्सली कमला सोड़ी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। नक्सली कमला ने 12 घंटे पैदल यात्रा कर सरेंडर किया और इस दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी पुलिस को दीं। सरेंडर और सक्रिय भूमिका पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कमला सोड़ी सुकमा जिले के अरलमपल्ली गांव की रहने वाली हैं और 2011 से माओवादी संगठन से जुड़ी थीं। उन्होंने छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गोंदिया) और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में करीब 14 साल तक सक्रिय रूप से नक्सली गतिविधियों में हिस्सा लिया।कमला नक्सली संगठन की एमएमसी जोन की प्रमुख सदस्य रही हैं और नक्सली भर्ती, प्रचार और पुलिस पर हमलों की योजना में शामिल रही हैं। उनके खिलाफ छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र ...
बिलासपुर: मोबाइल चलाने पर डांट से नाराज नाबालिग ने अर्पा नदी में लगाई छलांग, मौत
Chhattisgarh

बिलासपुर: मोबाइल चलाने पर डांट से नाराज नाबालिग ने अर्पा नदी में लगाई छलांग, मौत

बिलासपुर (छत्तीसगढ़): बिलासपुर जिले के सरकंडा इलाके में एक 14 वर्षीय नाबालिग किशोरी ने मोबाइल चलाने पर बड़ी बहन से डांट मिलने के बाद गुस्से में अर्पा नदी में छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। यह घटना पूरे इलाके में हड़कंप और मातम का कारण बनी। घटना का विवरण जानकारी के अनुसार, मृतक छात्रा नवीं कक्षा की छात्रा थी। घटना वाली रात वह मोबाइल चला रही थी, जिसे देख बड़ी बहन ने फोन बंद कर सोने के लिए कहा। बहन की डांट से नाराज होकर छात्रा घर से निकल गई और अर्पा नदी के छठ घाट पर पहुंचकर छलांग लगा दी। परिवार ने किया प्रयास, लेकिन नाकाम छात्रा के घर से जाते ही बड़ी बहन ने अपने पिता को सूचना दी। परिवार नदी तक दौड़ा, लेकिन तब तक छात्रा नदी में कूद चुकी थी। पड़ोसियों के अनुसार, परिवार और स्थानीय लोग उसे बचाने के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन वह नहीं रुकी। दो युवकों ने बचाने के लिए नदी में छलांग लगाई, लेकिन ...
बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में बढ़ी वोटिंग, लोकतंत्र को मिला मजबूत संदेश
Bihar, Opinion

बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में बढ़ी वोटिंग, लोकतंत्र को मिला मजबूत संदेश

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदाताओं ने जबरदस्त उत्साह और जोश दिखाया। 121 सीटों पर हुए मतदान में 60.13% मतदान दर्ज किया गया, जो लोकतंत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह दर्शाता है कि जनता राजनीति से उदासीन नहीं है और लोकतंत्र जीवंत है। बड़े नाम कतार में इस चरण में महागठबंधन के CM उम्मीदवार तेजस्वी यादव, डिप्टी CM विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी समेत कई बड़े नेताओं की किस्मत दांव पर लगी थी। वहीं, अभिनेता से नेता बने खेसारी लाल यादव, गायक मैथिली ठाकुर जैसे उम्मीदवारों के चुनावी परिणाम भी जनता की सोच का परिचायक होंगे। साथ ही बाहुबलियों की भी लड़ाई इस चरण में महत्वपूर्ण रही। भविष्य का फैसला बिहार में पिछले दो दशकों से सत्तासीन नीतीश कुमार या उनकी जगह कोई और—यह सवाल इस बार इतनी मजबूती से जनता के सामने आया है कि हर वोट का महत्व बढ़ गया है। 2020 क...
बिहार चुनाव 2025: बंपर वोटिंग से खुश हुए प्रशांत किशोर, बोले- जनता ने नया विकल्प अपनाया
Bihar, Politics

बिहार चुनाव 2025: बंपर वोटिंग से खुश हुए प्रशांत किशोर, बोले- जनता ने नया विकल्प अपनाया

गया: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 6 नवंबर को हुई बंपर वोटिंग ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बेहद खुश कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और उनके पास जनसुराज के रूप में एक नया विकल्प मौजूद है। मीडिया से बातचीत में प्रशांत किशोर ने बताया कि भारी मतदान इस बात का सबूत है कि जनता नए विकल्प के प्रति उत्साहित है। उन्होंने कहा, "बीते वर्षों में लोग भाजपा के डर से नीतीश-भाजपा को वोट देने के लिए मजबूर थे, लेकिन अब जनता के पास एक नया विकल्प है। यही कारण है कि इतने बड़े पैमाने पर मतदान हुआ।" प्रवासी मजदूर बने इस चुनाव का X फैक्टर प्रशांत किशोर ने कहा कि बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत और प्रवासी मजदूरों की सक्रिय भागीदारी इस चुनाव के X फैक्टर हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार में पहली बार 60 प्रतिशत से अधिक जनता बदलाव चाहती है ...
बिहार चुनाव 2025: दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को, जानिए जिला और सीटवार डिटेल्स
Bihar, Politics

बिहार चुनाव 2025: दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को, जानिए जिला और सीटवार डिटेल्स

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब दूसरे चरण की बारी है। 11 नवंबर को 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतगणना 14 नवंबर को होगी और इसके बाद नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले चरण में 64.66 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले थे, जो एक रिकॉर्ड था। इस बार भी दूसरे चरण में भारी मतदान की संभावना है। बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ है, जिनमें पुरुष मतदाता 3.92 करोड़ और महिला मतदाता 3.50 करोड़ हैं। दूसरे चरण में मतदान होने वाले जिले और सीटें गया (10 सीटें): बेलागंज, गया टाउन, बोधगया, टिकारी, शेरघाटी, बाराचट्टी (SC), अतरी, इमामगंज (SC), गुरुवा, वजीरगंज कैमूर (4 सीटें): चैनपुर, मोहनिया, भभुआ, रामगढ़ रोहतास (7 सीटें): नोखा, डेहरी, काराकाट, करगहर, सासाराम, चेनारी, दिनारा औरंगाबाद (6 सीटें): गोह, ओबरा, नवीनगर, कुटुम्बा (SC), औरंगाबा...