थानो बनेगा सृजन का तीर्थ — 3 से 5 नवम्बर को ‘स्पर्श हिमालय महोत्सव-2025’ में मिलेगा शब्द, संस्कृति और प्रकृति का संगम
देहरादून (थानो)। उत्तराखंड की वादियों में बसा शांत, सौम्य और प्रेरणादायी गाँव थानो आज साहित्य और संस्कृति का नया तीर्थ बन चुका है। यही वह भूमि है जहाँ शब्द साधना बन जाते हैं और सृजन आराधना। यहाँ स्थापित देश का पहला ‘लेखक गाँव’ अब केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक जीवंत आंदोलन बन गया है — वह आंदोलन जो रचनाकारों को फिर से उनकी जड़ों, प्रकृति और आत्मा से जोड़ता है।
‘लेखक गाँव’ : शब्दों की साधना का केंद्र
इस अनूठी अवधारणा के सूत्रधार हैं पूर्व मुख्यमंत्री, शिक्षाविद् और साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, जिन्होंने यह महसूस किया कि आज के लेखक और कवि भीड़भाड़ और तकनीक के युग में वह सृजनात्मक एकांत खो चुके हैं, जो उनके लेखन की आत्मा हुआ करता था।इसी भाव से उन्होंने कल्पना की — एक ऐसे स्थान की, जहाँ प्रकृति की गोद में बैठकर लेखक अपने विचारों को सांस लेने दें, शब्दों को जीवन मिले और रचना आत...







