Friday, December 19

संविधान दिवस 2025: संसद में शुरू हुआ राष्ट्रीय समारोह, राष्ट्रपति, पीएम मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद

नई दिल्ली, 26 नवंबर 2025: देशभर में आज 76वां संविधान दिवस मनाया जा रहा है। मुख्य समारोह दिल्ली के पुराने संसद भवन में आयोजित किया जा रहा है, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों के सांसद उपस्थित हैं।

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सुबह 11 बजे से शुरू हुआ कार्यक्रम:
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में हुई। सभा का उद्घाटन उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष करेंगे, इसके बाद राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा। राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में संविधान की महत्ता और इसकी भूमिका पर प्रकाश डालेंगी।

डिजिटल विमोचन:
इस अवसर पर केंद्रीय कक्ष में भारत के संविधान के नए संस्करण का डिजिटल विमोचन भी किया जाएगा। यह 9 भारतीय भाषाओं—मराठी, पंजाबी, मलयालम, कश्मीरी, तेलुगु, नेपाली, बोडो, ओडिया और असमिया में उपलब्ध होगा।

देशभर में कार्यक्रम:
संविधान दिवस केवल संसद तक सीमित नहीं है। इसे राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाने के लिए स्कूल, कॉलेज, केंद्रीय मंत्रालय, राज्य सरकारें, केंद्र शासित प्रदेश, स्थानीय निकाय और विभिन्न संस्थान भी इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

मुख्य घटनाक्रम और शुभकामनाएँ:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संविधान हमें सम्मान, बराबरी और आजादी देता है। साथ ही नागरिकों के कर्त्तव्यों की याद भी दिलाता है, जो मजबूत लोकतंत्र की नींव हैं।
  • केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन हमें संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता की याद दिलाता है।
  • गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर और डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन किया।
  • हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य विधानसभा में डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी।
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोक भवन में संविधान की प्रस्तावना की शपथ ली।

संविधान की प्रस्तावना का वाचन:
कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा राष्ट्रपति द्वारा संविधान की प्रस्तावना का वाचन होगा, जिसे पूरे देश के लिए प्रेरणा का क्षण माना जा रहा है।

आज का दिन हमें हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराने का अवसर प्रदान करता है।

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