Friday, December 19

सासाराम विधानसभा चुनाव 2025: उपेंद्र कुशवाहा की प्रतिष्ठा दांव पर, जनता ने किया फैसला

सासाराम (NBT NEWS DESK)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आज सामने आ रहे हैं। रोहतास जिले की सासाराम विधानसभा सीट इस चुनाव में खास चर्चा में रही, क्योंकि यहाँ से राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के नेता उपेंद्र कुशवाहा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। उनकी पत्नी स्नेहलता कुशवाहा आरएलएम की उम्मीदवार के रूप में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी हैं। उनका मुकाबला आरजेडी के सत्येंद्र साह से था।

This slideshow requires JavaScript.

मतगणना की शुरुआत और सुरक्षा:
मतगणना केंद्र पर सुबह से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। शहर के हर प्रमुख चौराहे पर अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस तैनात किए गए थे। मतगणना बैलेट पेपर से शुरू हुई, इसके बाद ईवीएम की गिनती शुरू हुई।

रुझान और मुकाबला:
सुबह 8:00 बजे से रुझान आने शुरू हुए। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार एनडीए गठबंधन की बढ़त देखने को मिली, लेकिन सासाराम में मुकाबला काफी रोमांचक रहा। इस सीट पर पिछले 30 साल से आरजेडी, बीजेपी और जेडीयू के बीच कड़ी टक्कर रही है।

इस बार सासाराम में 37 उम्मीदवारों ने नामांकन किया, जिनमें से 32 को चुनाव आयोग ने मंजूरी दी, 3 रद्द किए गए और 2 उम्मीदवारों ने नाम वापस लिया। ऐसे में कुल 22 उम्मीदवार मैदान में रहे।

स्नेहलता कुशवाहा का प्रचार और चुनौती:
सासाराम सीट पर उपेंद्र कुशवाहा की प्रतिष्ठा के चलते स्नेहलता कुशवाहा की जीत को लेकर चर्चा रही। उन्हें परिवारवाद और बाहरी उम्मीदवार होने के आरोपों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे रोहतास जिले की निवासी नहीं हैं। उनके प्रचार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भोजपुरी अभिनेता व गायक पवन सिंह भी सक्रिय रूप से शामिल रहे।

सासाराम की ऐतिहासिक स्थिति:
सासाराम सीट पर पिछले तीन चुनावों में (2010, 2015, 2020) आरजेडी का दबदबा रहा। यहां के राजपूत वोटर की संख्या महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो किसी भी उम्मीदवार का खेल पलटने में निर्णायक हो सकती है।

मतगणना के दौरान मतगणना स्थल में एक ट्रक के घुसने से थोड़ी अफरातफरी भी हुई, लेकिन सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रण में रखा।

निष्कर्ष:
सासाराम विधानसभा सीट का परिणाम इस बार उपेंद्र कुशवाहा की राजनीतिक प्रतिष्ठा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जनता के फैसले ने तय किया कि क्या वे अपनी छवि और राजनीतिक दबदबा बरकरार रख पाएंगे या नहीं।

Leave a Reply