Friday, December 19

भारत से 4 अरब डॉलर के हथियार खरीदने की तैयारी में आर्मेनिया, पाकिस्तान के लिए बढ़ा खतरा

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येरेवन/नई दिल्ली: अजरबैजान के साथ जारी तनाव के बीच आर्मेनिया भारत से करीब 3.5–4 अरब डॉलर की रक्षा डील करने जा रहा है। इस समझौते के तहत आर्मेनिया एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल सिस्टम और एडवांस्ड आर्टिलरी गन भारत से खरीदेगा। रक्षा विशेषज्ञ इसे दक्षिण कॉकस क्षेत्र में भारत के बढ़ते रणनीतिक प्रभाव का संकेत मान रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, चर्चा का केंद्र भारत द्वारा विकसित आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल सिस्टम है। इसकी रेंज और इंटरसेप्शन क्षमता बेहद एडवांस है और इसे अर्मेनिया के मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस नेटवर्क में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा, आर्मेनिया ने सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल में भी गहरी दिलचस्पी दिखाई है, जिसने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को सफलता पूर्वक नष्ट किया था।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइल में कई देशों की दिलचस्पी बढ़ गई है। फिलीपींस पहले ही इसे इस्तेमाल कर रहा है, वहीं इंडोनेशिया इसके लिए भारत से डील करने के करीब पहुंच चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और आर्मेनिया ब्राह्मोस मिसाइल के को-प्रोडक्शन फ्रेमवर्क पर भी बातचीत कर रहे हैं, जिससे इसके कुछ पुर्जे अर्मेनिया में ही बनाए जा सकेंगे।

मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (MP-IDSA) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से अब तक भारत ने अर्मेनिया को लगातार एडवांस हथियार प्रणाली उपलब्ध कराई हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • पिनाका मल्टी-बैरेल रॉकेट सिस्टम
  • कोंकुर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल
  • 155mm हॉविट्जर गन
  • एडवांस्ड टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS)
  • आकाश और आकाश-एनजी एयर डिफेंस बैटरियां
  • एंटी-ड्रोन सिस्टम
  • स्मॉल आर्म्स गोला-बारूद

इन हथियारों से अर्मेनिया की रक्षा प्रणाली, जो अब तक मुख्य रूप से पुराने सोवियत हथियारों पर निर्भर थी, धीरे-धीरे आधुनिक भारतीय तकनीक पर आधारित होती जा रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस डील से न केवल अर्मेनिया की रक्षा क्षमता मजबूत होगी, बल्कि भारत की रक्षा निर्यात नीति और ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को भी मजबूती मिलेगी। आर्मेनिया अब भारत के शीर्ष रक्षा खरीदारों में शामिल हो चुका है और यह साझेदारी दोनों देशों के लिए रणनीतिक लाभ लेकर आएगी।

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