Friday, December 19

पाकिस्‍तान-तुर्की समर्थक जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ खुलकर आए खालिदा जिया के बेटे, लाखों बंगालियों का बताया हत्यारा, भारत के लिए गुड न्‍यूज

ढाका: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के एक्टिंग चेयरमैन तारिक रहमान, जो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के बेटे हैं, ने जमात-ए-इस्लामी पर तीखा हमला बोला है। उनके इस बयान ने पाकिस्तान और तुर्की समर्थक इस संगठन के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा किया है। तारिक ने जमात-ए-इस्लामी को 1971 में लाखों बेगुनाह बंगालियों की हत्याओं का दोषी ठहराया और संगठन के वर्तमान प्रचार को कड़ी आलोचना की।

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जमात-ए-इस्लामी पर हमला

तारिक रहमान ने रविवार को ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “यह पार्टी (जमात-ए-इस्लामी) 1971 में अपने राजनीतिक लाभ के लिए लाखों बेगुनाह लोगों की हत्याएं करने में शामिल थी और महिलाओं के साथ भी शर्मनाक व्यवहार किया था।” उन्होंने यह भी कहा कि जमात-ए-इस्लामी के लोग अब झूठे वादे करके जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं, जैसे कि “वोट के बदले जन्नत की गारंटी” देना।

तारिक ने जमात को अपने पूर्ववर्ती राजनीतिक हितों की रक्षा करने के लिए आतंकवाद और हिंसा के रास्ते अपनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, “आज जो लोग इस पार्टी को एक और मौका देने की बात कर रहे हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि बांग्लादेश के लोग 1971 में इस पार्टी के असली चेहरे को देख चुके हैं।”

पाकिस्तान और तुर्की का समर्थन

तारिक रहमान ने यह भी खुलासा किया कि जमात-ए-इस्लामी को पाकिस्तान और तुर्की का समर्थन मिल रहा है, जो इसे बांग्लादेश में तेजी से विस्तार करने में मदद कर रहे हैं। यह संगठन भारत के खिलाफ जहरीली बयानबाजी के लिए कुख्यात है, और पाकिस्तान की तरफ से इसका समर्थन भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है।

बीएनपी के शासन के दौरान सुधार

तारिक ने यह भी कहा कि जब BNP ने 2001 से 2006 तक बांग्लादेश में शासन किया, तो उन्हें अवामी लीग के शासन में हुई भारी भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की वजह से एक बर्बाद हुआ देश विरासत में मिला था। हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि बेगम खालिदा जिया के नेतृत्व में BNP ने भ्रष्टाचार को कम करने और देश की स्थिति सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए थे।

भारत के लिए गुड न्यूज

तारिक रहमान का यह बयान भारत के लिए अच्छी खबर साबित हो सकती है, क्योंकि इससे बांग्लादेश में पाकिस्तान-तुर्की समर्थक जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ एक और शक्तिशाली प्रतिरोध का इशारा मिलता है। भारत के लिए यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जमात-ए-इस्लामी हमेशा भारत के खिलाफ सख्त बयानबाजी करता रहा है। बांग्लादेश में जमात के खिलाफ हो रहे विरोधी आंदोलन इस संगठन के प्रभाव को कमजोर कर सकते हैं, जो भारत के लिए रणनीतिक रूप से फायदेमंद हो सकता है।

निष्कर्ष

तारिक रहमान का यह बयान पाकिस्तान और तुर्की के लिए एक झटका है, क्योंकि जमात-ए-इस्लामी को इन देशों का समर्थन प्राप्त है। वहीं, बांग्लादेश में इस संगठन के खिलाफ बढ़ता विरोध यह साबित करता है कि बांग्लादेश की राजनीति में एक नई दिशा आ सकती है। भारत के लिए यह स्थिति सुकून की बात हो सकती है, क्योंकि इससे पाकिस्तान-तुर्की समर्थक तत्वों के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार हो सकता है।

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