Friday, December 19

ED समन: अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं, 14 नवंबर को हाजिरी का आदेश

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नई दिल्ली: रिलायंस ADAG ग्रुप के चेयरमैन और अरबपति उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 14 नवंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है।

जमीन और संपत्तियों की जब्ती:
सूत्रों के मुताबिक, ED ने इसी हफ्ते नवी मुंबई के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में 132 एकड़ से अधिक जमीन, जिसकी कीमत लगभग 4,462.81 करोड़ रुपये है, को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत अस्थायी रूप से ज़ब्त किया। इससे पहले ED ने RCOM, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस की 42 संपत्तियों को जब्त किया था, जिनकी कीमत 3,083 करोड़ रुपये से अधिक थी। कुल संपत्तियों की ज़ब्ती 7,545 करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुकी है।

जांच की पृष्ठभूमि:
ED की यह कार्रवाई CBI द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर की जा रही है। FIR में अनिल अंबानी और RCOM के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B, 406, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(d) एवं 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

कितना है बकाया लोन:
RCOM और उसकी ग्रुप कंपनियों ने 2010-2012 के दौरान घरेलू और विदेशी बैंकों से लोन लिया था। इनमें से कुल 40,185 करोड़ रुपये का लोन अभी भी बकाया है। पांच बैंकों ने इन लोन खातों को धोखाधड़ी घोषित कर दिया है। ED ने पाया कि ग्रुप कंपनियों ने एक बैंक से लिए गए लोन का इस्तेमाल दूसरे बैंक के लोन चुकाने, संबंधित पार्टियों को ट्रांसफर करने और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए किया।

लोन का दुरुपयोग:
जांच में यह भी सामने आया कि RCOM ने 13,600 करोड़ रुपये से अधिक की रकम का लोन बनाए रखने (Evergreening) के लिए दुरुपयोग किया। इसके अलावा 12,600 करोड़ रुपये संबंधित पार्टियों को ट्रांसफर किए गए और 1,800 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश FD और MF में किया गया, जिसे बाद में ग्रुप कंपनियों में वापिस लाया गया। कुछ लोन को विदेश भेजकर भी इस्तेमाल किया गया।

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