
नई दिल्ली: अमेरिका के बाद अब उसके प्रमुख सहयोगी मेक्सिको ने भी भारतीय सामान पर भारी 50% तक टैरिफ लगाने का फैसला किया है। मेक्सिको की सीनेट ने भारत, चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों से आने वाले माल पर बढ़े हुए शुल्क को मंजूरी दे दी है। नए टैरिफ अगले साल 2026 से लागू होंगे।
यह कदम घरेलू उद्योगों को सुरक्षित करने तथा USMCA (यूएस-मेक्सिको-कनाडा समझौते) की आगामी समीक्षा से पहले अपनी स्थिति मजबूत करने के इरादे से उठाया गया है। मेक्सिको अमेरिका का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है और यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय व्यापार रणनीति के स्तर पर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मेक्सिको का अब तक का सबसे बड़ा संरक्षणवादी कदम
रॉयटर्स के अनुसार, यह मेक्सिको द्वारा स्थानीय उत्पादकों को बचाने के लिए हाल के वर्षों में उठाया गया सबसे कड़ा कदम है। जिन देशों के साथ मेक्सिको का कोई औपचारिक व्यापार समझौता नहीं है, उनसे आने वाले उत्पादों पर अब या तो नए शुल्क लगाए जाएंगे या मौजूदा शुल्क बढ़ाए जाएंगे।
नए नियमों के तहत:
- ऑटो, ऑटो-पार्ट्स, टेक्सटाइल, कपड़े, प्लास्टिक और स्टील पर 50% टैरिफ
- अन्य अधिकांश उत्पादों पर 35% तक टैरिफ
- सरकार को इससे 3.76 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त कमाई का अनुमान
भारत-मेक्सिको व्यापार में तेज बढ़ोतरी
भारत और मेक्सिको के बीच व्यापार पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है:
- 2020: 4.25 अरब डॉलर
- 2024: 8.98 अरब डॉलर (लगभग दोगुना)
- 2023 में निर्यात में 6.5% की वृद्धि
- 2024 में मेक्सिको से आयात घटकर 2.74 अरब डॉलर रह गया, यानी भारत ट्रेड सरप्लस में है।
भारतीय उत्पादों—विशेष रूप से मोटरसाइकिल, इलेक्ट्रिकल सामान, मशीनरी, केमिकल्स, दवाइयों, ऑटो पार्ट्स और आईटी उत्पादों—की मेक्सिको में मांग लगातार बढ़ रही है।
भारतीय बाइक सबसे ज्यादा प्रभावित
मेक्सिको में भारतीय मोटरसाइकिलें बेहद लोकप्रिय हैं और भारतीय वाहन क्षेत्र का निर्यात यहां तेजी से बढ़ रहा है। बढ़े हुए टैरिफ से भारत के दोपहिया और ऑटो पार्ट्स क्षेत्र पर सीधा असर पड़ सकता है।