Friday, December 19

तीन साल से अधूरी 27.24 करोड़ की सड़क, तुलसी नगर से वसुंधरा कॉम्प्लेक्स तक धूल-धुआं और खतरे का रास्ता

इंदौर। शहर के पश्चिमी हिस्से का एक अहम संपर्क मार्ग—महालक्ष्मी नगर–तुलसी नगर से स्कीम नंबर 134 स्थित वसुंधरा कॉम्प्लेक्स तक बनने वाली 100 फीट चौड़ी मास्टर प्लान रोड—पिछले तीन वर्षों से अधूरी पड़ी है। 27.24 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही इस सड़क पर न तो आईडीए प्रशासन जिम्मेदारी दिखा रहा है और न ही ठेकेदार काम को समय पर पूरा कर पा रहे हैं।
नतीजा, रोजाना हजारों रहवासी धूल, धुआं और खतरे के बीच से गुजरने को मजबूर हैं।

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तुलसी नगर से बीसीएम पैराडाइज तक लटका काम

तुलसी नगर पुलिया से बीसीएम पैराडाइज चौराहे तक सड़क निर्माण का काम वर्षों से ठप है।

  • नाले के ऊपर बनने वाली रेलिंग
  • और सुरक्षा के लिए जरूरी रिटेनिंग वॉल

दोनों का काम एक साल से अधूरा पड़ा है। मौजूदा एक लेन की टूटी-फूटी सड़क और चारों ओर फैली धूल ने पूरे मार्ग को खतरनाक बना दिया है।

धूल का गुबार, सांस की परेशानी—जीवन दूभर

सड़क निर्माण रुके रहने का सबसे बड़ा असर आसपास की कॉलोनियों पर पड़ रहा है।
राधिका पैलेस, तुलसी नगर, राधिका पैलेस एक्सटेंशन और अन्य बस्तियों में धूल का स्तर इतना बढ़ गया है कि दिन में कुछ मीटर चलना भी मुश्किल हो जाता है
बुजुर्गों और बच्चों में श्वास संबंधी दिक्कतें बढ़ने लगी हैं।

राधिका पैलेस रहवासी संघ के अध्यक्ष रुपेश शर्मा ने बताया—
“पुलिया से पैराडाइज चौराहे तक सड़क की हालत बेहद खराब है। काम महीनों से बंद है। दिनभर धूल उड़ती रहती है, जिससे घर से बाहर निकलना भी कठिन हो गया है।”

रहवासी–प्रशासन की टकराहट, समाधान का इंतजार

रहवासियों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद न तो आईडीए के अधिकारी मौके पर आते हैं और न ही ठेकेदार काम शुरू करते हैं। सड़क के अधूरे रहने से लोगों को—

  • ट्रैफिक जाम
  • जर्जर रास्ता
  • दुर्घटना का खतरा
  • और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं

इन्हें रोज झेलना पड़ रहा है।

तीन साल से अधूरी परियोजना, भरोसा टूट रहा

यह सड़क शहर के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही थी, लेकिन तीन साल की देरी ने न केवल लोगों का धैर्य तोड़ा है, बल्कि प्रशासन पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। रहवासी मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा हो, ताकि क्षेत्र की बदहाल स्थिति सुधर सके।

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