

Gujarat : गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ के बाद अब चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है। कच्छ और सौराष्ट्र में भारी बारिश की आशंका है। इन क्षेत्रों को रेड अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। इधर वडोदरा और राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में अब भी नदियां उफान पर होने से वहां बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। राज्य में पिछले 4 दिनों में, बारिश से संबंधित घटनाओं में 28 लोगों की मौत हो गई। ALSO READ: Train Cancelled : गुजरात बारिश से 90 ट्रेनें रद्द, 40 हजार यात्री नहीं कर पाए यात्रा, अब रेलवे करेगा रिफंड
मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी एक राष्ट्रीय बुलेटिन में कहा गया है कि गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र पर एक चक्रवात बन रहा है जिसके शुक्रवार को अरब सागर के ऊपर उभरने और ओमान तट की ओर बढ़ने की आशंका है। मौसम कार्यालय ने कहा कि 1976 के बाद अगस्त में अरब सागर के ऊपर उठने वाला यह पहला चक्रवाती तूफान होगा। पाकिस्तान ने इस चक्रवाती तूफान को असना नाम दिया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि कच्छ जिले में भारी बारिश और संभावित तूफान के पूर्वानुमान के बाद, गांधीनगर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने जिला कलेक्टर के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित करके इस प्राकृतिक आपदा के खिलाफ प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा की। इस आपदा से लोगों को बचाने के लिए जहां भी आवश्यक हो तत्काल प्रभाव से खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं।
કચ્છ જિલ્લામાં ભારે વરસાદ અને સંભવિત વાવાઝોડાની આગાહીને પગલે ગાંધીનગર સ્ટેટ ઇમરજન્સી ઓપરેશન સેન્ટર ખાતેથી જિલ્લા કલેકટર સાથે વિડિયો કોન્ફરન્સ કરીને આ કુદરતી આફત સામે તંત્રની સજ્જતાની સમીક્ષા કરી .
આ આફતથી લોકોને બચાવી શકાય તે માટે જરૂર જણાય ત્યાં તાત્કાલિક અસરથી સ્થળાંતર કરવા… pic.twitter.com/hok3QihNBs
— Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) August 29, 2024
https://platform.twitter.com/widgets.jsइससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार दूसरे दिन राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से बाढ़ के बाद बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने को भी कहा।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) की अद्यतन जानकारी में बताया गया कि गुजरात के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 18,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है तथा लगभग 1,200 लोगों को बचाया गया है। सुरक्षाबलों ने कुछ लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
हाल ही में हुई भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर वडोदरा में स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ क्योंकि विश्वामित्री नदी का जलस्तर सुबह 37 फुट से घटकर 32 फुट रह गया है। हालांकि, शहर के कई निचले इलाके अभी भी जलमग्न हैं। भारी बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण मंगलवार को सुबह विश्वामित्री नदी का जलस्तर 25 फुट के खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था।
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल के साथ मिलकर राज्य के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित इलाके वडोदरा, द्वारका, जामनगर, राजकोट और कच्छ में राहत और बचाव कार्य संचालित कर रहे हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta
