भांजगड़ी में रुपये मांगने पर राणापुर पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण


 

 

राणापुर, 28 अप्रैल 2025 | एस.डी. न्यूज़ एजेंसी
पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ श्री पद्मविलोचन शुक्ल के निर्देशानुसार जिले में “डी-03 अभियान” (दहेज न लेना, शराब का सेवन न करना, और डीजे का उपयोग न करना) के प्रभावी पालन हेतु सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में भांजगड़ी जैसी कुप्रथा के खिलाफ भी जागरूकता और सख्ती से कार्यवाही जारी है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रेमलाल कुर्वे एवं अनुविभागीय अधिकारी श्रीमती रुपरेखा यादव के मार्गदर्शन में, थाना प्रभारी राणापुर निरीक्षक दिनेश रावत के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा प्रभावी कार्रवाई की गई।
हाल ही में थाना राणापुर के अंतर्गत चौकी कुंदनपुर में एक मामला सामने आया जिसमें ग्राम भाण्डाखेड़ा निवासी लड़की तथा ग्राम लम्बेला निवासी लड़के के बीच गुजरात में मजदूरी के दौरान जान-पहचान हुई थी। लड़की अपनी इच्छा से लड़के के घर आ गई थी। इसके बाद लड़की के परिजनों द्वारा लड़के से भांजगड़ी के रूप में ₹4,50,000 की मांग की गई। लड़के पक्ष ने इतनी बड़ी राशि देने से इनकार कर दिया।

पूर्व में पुलिस अधीक्षक द्वारा कुंदनपुर क्षेत्र में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से दहेज दापे, भांजगड़ी प्रथा, नशा मुक्ति, शिक्षा एवं साइबर अपराध के प्रति जागरूकता फैलाई गई थी। इसका प्रभाव यह रहा कि लड़के पक्ष से आलू पिता बुचा डामोर (उम्र 65 वर्ष, निवासी लम्बेला) ने इस कुप्रथा के विरोध में लिखित आवेदन देकर चौकी कुंदनपुर पर शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपीगण:

  1. ताना पिता राजु सिंगाड़
  2. बाबू पिता रमन सिंगाड़
  3. अरविंद पिता बच्चु सिंगाड़
  4. फतेसिंह पिता लक्ष्मण सिंगाड़
    (सभी निवासी ग्राम भाण्डाखेड़ा)
    के खिलाफ भांजगड़ी में पैसे मांगने, न देने पर जान से मारने की धमकी देने तथा अश्लील गालियां देने के आरोप में अपराध क्रमांक 144/2025 के तहत धारा 308(2), 296, 351(3), 3(5) बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है।

आमजन से पुलिस प्रशासन की अपील
झाबुआ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित दहेज दापा और भांजगड़ी जैसी कुप्रथाओं के चलते वर पक्ष आर्थिक संकट में फंस जाता है। शादी-विवाह में अत्यधिक खर्च (दहेज में ₹4-5 लाख, डीजे पर ₹60-70 हजार तथा शराब सेवन) के कारण कई परिवार कर्ज में डूब जाते हैं और बाद में मजदूरी के लिए पलायन करते हैं।

इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए पुलिस अधीक्षक श्री पद्मविलोचन शुक्ल स्वयं गांव-गांव जाकर जनजागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं।
पुलिस प्रशासन ने चेताया है कि भविष्य में भांजगड़ी जैसी कुप्रथाओं में संलिप्त पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अंतिम युद्ध – सुरेश समीर


 


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