
        
    holashtak me rakhe 8 savdhaniyan: 7 मार्च 2025 से होलाष्टक प्रारंभ हो रहा है जो 13 मार्च तक रहेगा। होला अष्टक के 8 दिन बहुत ही अशुभ माने जाते हैं। इस दिन 8 ग्रह अपनी उग्रावस्था में होते हैं। इन आठ दिनों में ही प्रहलाद को उनके पिता हिरण्याकश्यप ने प्रताड़ित किया था। आठवें दिन होलिका दहन हुआ था जिसमें होलिका की मृत्यु हो गई थी और प्रहलाद बच गए थे तब हिरण्याकश्यप ने खुद ही प्रहलाद को मारना चाहता तो भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर हिरण्याकश्यप का वध कर दिया। इसलिए इन 8 दिनों में आठ सावधानियां रखना चाहिए। 
1. ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि में होलाष्टक एक दोष माना जाता है। अत: इन आठ दिनों में कोई भी मांगलिक कार्यों को करना निषेध होता है। इसीलिए इस समय मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है।
2. होलाष्टक की अवधि में नवविवाहिताओं को मायके में रहने की सलाह दी जाती है।
3. होलाष्टक के दौरान विशेष रूप से शुभ मांगलिक विवाह, नवीन गृह निर्माण कार्य तथा किसी भी नए कार्यों को आरंभ नहीं करना चाहिए। क्योंकि मान्यता के अनुसार इन दिनों में किए गए कार्यों से कष्ट तथा अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है। इतना ही नहीं विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार भी हो जाते हैं या अकाल मृत्यु का खतरा या रोग होने की आशंका बढ़ जाती है।
4. ज्योतिष मान्यता के अनुसार होलाष्टक से मौसम में परिवर्तन होना शुरू होता है तथा सूर्य का प्रकाश तेज होने के साथ-साथ हवाएं भी ठंडी रहती है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति रोग की चपेट में आ सकता है तथा मन की स्थिति भी अवसाद ग्रस्त रहती है। अत: इस समयावधि में मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।
5. मान्यतानुसार इन दिनों अष्टमी को चंद्र, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं। इसलिए इन दिनों में अपने व्यवहार को भी संयमित रखना चाहिए।
7. इन दिनों नवीन व्यापार, भवन निर्माण, गृह प्रवेश आदि कार्य भी नहीं करते हैं। व्रत, पूजन और हवन आदि करना धार्मिक दृष्टि से अच्छा समय माना गया है।
8. होलाष्टक पर जरूरी हो तो ही लंबी यात्रा करना चाहिए अन्यथा इससे बचना चाहिए। वाहन चलाते वक्त भी सावधानी रखना चाहिए।

 
			 
			 
			 
			