
Uttarakhand avalanche rescue operation : उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा हिमस्खलन स्थल में कई फीट बर्फ में अब भी फंसे चार मजदूरों को निकाले जाने के लिए रविवार को तीसरे दिन बचाव अभियान फिर शुरू कर दिया गया।
चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि मौसम साफ है और फंसे मजदूरों को निकाले जाने के लिए राहत एवं बचाव अभियान सुबह से फिर शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि लापता मजदूरों की खोजबीन के लिए जीपीआर सिस्टम भी आने वाला है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे तलाशी अभियान में तेजी आएगी और लापता लोग आज खोज लिए जाएंगे।
तिवारी ने बताया कि सेना की ओर से राहत कार्य के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी देहरादून पहुंच गया है और मौके पर आने वाला है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) भी मौके पर है जबकि एनडीआरएफ के और जवान भी पहुंचने वाले हैं। इस समय राहत कार्य के लिए सेना की ओर से एक निजी हेलीकॉप्टर समेत सात हेलीकॉप्टर राहत एवं बचाव में जुटे हैं। हेलीकॉप्टर के जरिए हादसे में घायल लोगों को माणा से वापस लाने का कार्य शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। वे आज भी देहरादून स्थित डिजास्टर कंट्रोल रूप पहुंचे और चमोली में चल रहे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
LIVE: आपदा परिचालन केंद्र से जनपद चमोली में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी लेते हुए
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— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 2, 2025
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गौरतलब है कि करीब 3200 मीटर की उंचाई पर स्थित माणा गांव के पास शुक्रवार को हिमस्खलन होने से वहां रह रहे सीमा सड़क संगठन के 54 मजूदर बर्फ में फंस गए थे। मजदूरों की संख्या पहले 55 बताई जा रही थी।
एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच जाने की सूचना मिलने के बाद इस संख्या को संशोधित कर 54 कर दिया गया। इनमें से 50 को शनिवार तक बाहर निकाल लिया गया था जिनमें से चार की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।
edited by : Nrapenra Gupta
