मंगलवार को 108 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होगा?



प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन और मस्तिष्क में आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है। हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या का दाता कहा जाता है, इसलिए हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करना आपकी स्मरण शक्ति और बुद्ध‍ि में वृद्ध‍ि करता है। यह सभी तरह के संकटों से बचाता है। साथ ही आत्मिक बल भी मिलता है, परंतु यदि आप एक समय में एक जगह बैठक 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो क्या होगा?

100 हनुमान चालीसा पढ़ने का समय: 108 बार हनुमान चालीसा यदि निरंतर पढ़ते हैं तो 4 से 5 घंटे में यह पूर्ण हो जाती है।
 

108 बार हनुमान चालीसा क्यों पढ़ते हैं?

1. कहते हैं कि यदि आपकी कोई मनोकामना है जिसे आप पूर्ण करना चाहते हैं तो मंगलवार को 108 बार हनुमान चालीसा पढ़ें।

2. 108 बार हनुमान चालीसा पढ़ने के सामान्य से नियम हैं। पहला यह कि यदि पढ़ने का संकल्प लें तो उसे पूर्ण जरूर करें।

3. संकल्प लेते समय हनुमानजी के समक्ष अपनी मनोकामना उन्हें बताएं। 

4.108 बार हनुमान चालीसा एक ही जगह बैठकर पूर्ण करना चाहिए है।

5. 108 बार हनुमान चालीसा पढ़ते समय किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो इसका जरूर ध्यान रखें।

6. चालीसा पढ़ने के लिए पहले हनुमानजी को एक पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर उन्हें विराजमान करें और उनका आवाहन करें। 

7. इसके बाद फिर उनकी विधिवत पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं। 

8. पूजा करने के बाद माचिस की 108 तीली अपने बाईं ओर रख लें और फिर हनुमान चालीसा पढ़ते जाएं और एक एक तीली को उठाकर दाईं ओर रखते जाएं।

9. हनुमान चालीसा पढ़ने के दौरान यदि मलमूत्र का प्रेशर बनता है तो उसके लिए उठ सकते हैं। कोशिश करें कि सभी कार्यों से निवृत्त होकर पाठ करें और पानी तभी पिएं जब गला सुखने लगे।

10. हनुमान चालीसा पूर्ण होने के बाद हनुमानजी को पुन: भोग लगाएं और फिर सभी को प्रसाद वितरण करें। ध्यान रखें कि हनुमानजी की आरती न उतारें।

हनुमान चालीसा का 100 बार पाठ करने की विधि:-

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  2. स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  3. जमीन पर आसन बिछाकर बैठ जाएं।
  4. हनुमान मूर्ति या चित्र को विधिवत पाट पर विराजमान करें।
  5. दोनों हाथ जोड़कर भगवान गणेश की वंदना करें।
  6. फिर भगवान राम की आराधना करें।
  7. लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
  8. शुद्ध घी या तिल के तेल का दिया जलाएं।
  9. मन ही मन हनुमान जी का स्मरण करें।
  10. हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  11. साधक का मुख पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।

108 बार हनुमान चालीसा बढ़ने से आपमें आध्यात्मिक बल, आत्मिक बल और मनोबल बढ़ता है। इससे पवित्रता की भावना महसूस होती है। शरीर में हल्कापन लगता है और व्यक्ति खुद को निरोगी महसूस करता है। इससे भय, तनाव और असुरक्षा की भावना हट जाती है। जीवन में यही सब रोग और शोक से मुक्त होने के लिए जरूरी है।



Source link

Leave a Reply

Back To Top