महाकुंभ में भगदड़ से अखिलेश यादव दुखी, जानिए क्या कहा?


mahakumbh stampede

Prayagraj Mahakumbh stampede : महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं के उमड़ने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। हादसे में कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी महाकुंभ में हादसे को अव्यवस्थाजन्य बताते हुए इस पर दुख जताया। ALSO READ: कैसे मची महाकुंभ में भगदड़, अखाड़ों के अमृत स्नान पर क्या बोले रवींद्र पुरी महाराज

 

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि! उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से अपील है कि गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए।

 

उन्होंने कहा कि जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए। सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए। 

 

https://platform.twitter.com/widgets.jsअखिलेश ने श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे। हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।

 

एंबुलेंसों के सायरन से गूंजा कुंभ मेला क्षेत्र : आधी रात के बाद लगभग 2 बजे, कुंभ मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकरों से गूंजते मंत्रों और श्लोकों के निरंतर उच्चारण के बीच संगम की ओर दौड़ती एम्बुलेंसों और पुलिस वाहनों के तेज सायरन की आवाजें गूंज उठीं। घायलों को मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल में ले जाया गया। कई घायलों के रिश्तेदार भी वहां पहुंचे, साथ ही कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी वहां पहुंचे।

 

कैसे हुआ हादसा : कर्नाटक से आयी सरोजनी नामक महिला ने अस्पताल के बाहर रोते हुए बताया कि दो बसों में हमारा 60 लोगों का बैच आया है। हम समूह में नौ लोग थे कि अचानक धक्का मुक्की हुई और कई लोग गिर गए। हम फंस गए और भीड़ बेकाबू हो गई। उन्होंने कहा कि बचने का कोई मौका नहीं था क्योंकि सभी तरफ से धक्का दिया जा रहा था।

 

मध्य प्रदेश के छतरपुर से आए एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी मां घायल हुई हैं और अस्पताल में भर्ती हैं, वहीं मेघालय के एक अधेड़ उम्र दंपति को भगदड़ में फंसने के उनके भयावह अनुभव बताते सुना गया।

 

भगदड़ में घायल हुए अपने बच्चे का अस्पताल में इलाज करा रही एक महिला ने कहा कि कहीं जाने का रास्ता नहीं था। कुछ लोग धक्कामुक्की करते हुए हंस रहे थे जबकि हम उनसे बच्चों पर रहम करने की भीख मांग रहे थे।

Edited by : Nrapendra Gupta 



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