
26 January Republic Day Parade 2025 Live Updates: भारत आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। देशभर में रिपब्लिक डे के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर हर साल की तरह इस बार भी अपनी सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया जाएगा। राष्ट्र संविधान के लागू होने का ‘प्लेटिनम जुबली’ भी 26 जनवरी को मनाएगा। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। परेड में इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दस्ता भी भाग लेगा। पल-पल का अपडेट-
टी-90 'भीष्म' टैंक, सारथ (पैदल सेना ले जाने वाला वाहन बीएमपी-2), ‘शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ 10 मीटर, नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर सिस्टम ‘अग्निबाण’ और ‘बजरंग’ (हल्का विशिष्ट वाहन) भी परेड का हिस्सा होंगे। परेड में कई अन्य चीजें भी पहली बार देखने को मिलेंगी, जैसे तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) की झांकी, जो सशस्त्र बलों के बीच ‘‘तालमेल’’ को दर्शाएगी।

पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कामना की कि यह राष्ट्रीय उत्सव संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त व समृद्ध भारत बनाने की दिशा में जारी प्रयासों को और मजबूत करे। भारत आज 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह का आयोजन हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं! आज हम अपने गौरवशाली गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हम उन सभी महान विभूतियों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारा संविधान बनाकर यह सुनिश्चित किया कि हमारी विकास यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो।’’
उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को और मजबूत करे, यही कामना है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं। गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्र की सैन्य क्षमता और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया जायेगा। भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी तो मिल गई थी लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ। ठीक 75 वर्ष पहले आज ही के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।

76वें गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के न्याय, स्वाधीनता, समानता और भाईचारे के मूल्यों पर आधारित हमारा संविधान भारतीय गणतंत्र का गौरव है, धर्म, जात, क्षेत्र, भाषा से परे हर भारतीय का सुरक्षा कवच है।

– राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह 10:30 बजे कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। 21 तोपों की सलामी दी गई। फिर परेड शुरू हुई।
– राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो बग्गी में सवार होकर कर्तव्य पथ के लिए रवाना हुए। राष्ट्रपति सुबियांटो इस वर्ष मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में भाग ले रहे हैं।
– प्रधानमंत्री मोदी कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में पहुंचे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका स्वागत किया।भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार और परेड सेकेंड-इन-कमांड मेजर जनरल सुमित मेहता की सलामी ली। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली सेना की टुकड़ी 61 कैवेलरी की रहीं। यह दुनिया की एकमात्र एक्टिव घुड़सवार सेना रेजिमेंट है।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली सेना की टुकड़ी 61 कैवेलरी की रहीं। यह दुनिया की एकमात्र एक्टिव घुड़सवार सेना रेजिमेंट है।
Join us as we bring you the LIVE coverage of the 76th Republic Day Parade directly from Kartavya Path, showcasing India’s rich cultural heritage, military strength and advancements. #Republicday2025 #RepublicDayParade #76thRepublicDay #RepublicDayOnDD https://t.co/xkbKS4dh6i
— DD News (@DDNewslive) January 26, 2025
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कर्तव्य पर पहली बार प्रलय मिसाइल का प्रदर्शन किया गया। यह दुश्मक की युद्धक क्षमता को तबाह करने में सक्षम है। यह सतह से सतह पर मार करने वाला हथियार है। इसकी रेंज 400 किमी से ज्यादा है। रॉकेट सिस्टम, बीएम-21 अग्निबाण, 122 मिमी मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया गया।

कर्तव्य पथ पर उत्तरप्रदेश की झांकी भी नजर आई। झांकी में बहुत समीचीन और अध्यात्म से जुड़े विषय ‘महाकुंभ 2025-स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास' की भव्यता प्रदर्शित की गई, जिसे विश्व स्तर पर 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' में मान्यता प्राप्त है।

मध्यप्रदेश की झांकी में भारत में चीतों के पुनर्स्थापना को दिखाया गया है। झांकी सबसे आगे एक पार्क दिखाया गया है। इसमें एक चीतों का जोड़ा दिखाया गया है। इसके अलावा कूनो में जन्मे नन्हे चीता शावकों को भी दिखाया गया है झांकी के बीच में बहती कूनो नदी और उसके आसपास प्राकृतिक आवास में घूमते हुए वन्यजीव जैसे हिरण, बंदर, पक्षी दिखाए गए हैं। इसमें चीतों की बढ़ती संख्या को भी दिखाया गया है।
Madhya Pradesh’s tableau displays the reintroduction of cheetahs in the Kuno National Park, located on the banks of the Kuno River in Sheopur district.#RepublicDayParade #76thRepublicDay #RepublicDayOnDD #RepublicDay2025 #SwarnimBharat #VirasatAurVikas #KartavyaPath… pic.twitter.com/74kvqMfw62
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चक्रवातों की सटीक भविष्यवाणी का उल्लेख : मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की झांकी में चक्रवातों की सटीक भविष्यवाणी और उसके परिणामस्वरूप लोगों की जीवन की रक्षा होने, समय पर मौसम पूर्वानुमान के कारण किसानों को होने वाले लाभ को प्रमुखता से दर्शाया गया।
देश के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर आईएमडी की झांकी में चक्रवात ‘दाना’ का एक विशेष रूप से चित्रण किया गया। इस चक्रवात ने पिछले साल ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में व्यापक तबाही मचाई थी, लेकिन शुरुआती चेतावनियों के कारण बहुत कम लोग हताहत हुए थे और प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को समय पर सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया था।
चक्रवात ‘दाना’ के चित्रण से पता चला कि कैसे समय पर दी गई चेतावनियों से जनजीवन का नुकसान नहीं होना सुनिश्चित किया गया। झांकी में किसानों के लिए पहल पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें दिखाया गया कि कैसे मोबाइल मौसम अलर्ट ने कृषि क्षेत्र में क्रांति ला दी है। किसान अब मौसम के मिजाज की भविष्यवाणी करने, बेहतर फसल प्रबंधन और बेहतर आजीविका सुनिश्चित करने में सशक्त हैं। झांकी में चार प्रमुख समुदायों पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की पहल के प्रभाव को भी दर्शाया गया है।
इंडियन एयरफोर्स की टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। वायुसेना बैंड, 3 मिग-29 और भारतीय वायुसेना की मार्चिंग टुकड़ी ने मार्च पास्ट किया।
Motorcycle Rider Display Team of the Corps of Signals of the Indian Army, popularly known as “The Daredevils”, during the 76th #RepublicDay Parade on Kartavya Path, in Delhi.
Opening Salute with Bullet Wheelie, Ladder Salute, Three Peak Devil Formation, Shatrujeet, Mercury… pic.twitter.com/53plmSuDgP
— DD News (@DDNewslive) January 26, 2025
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क्या था नौसेना की झांकी में खास : भारतीय नौसेना की झांकी में पिछले दिनों राष्ट्र को समर्पित किए गए तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को प्रदर्शित किया गया। तीनों युद्धपोतों का डिजाइन और निर्माण पूरी तरह भारत में हुआ है और इससे देश की रक्षा उत्पादन क्षेत्र में बढ़ती दक्षता रेखांकित होती है। यह ‘आत्मनिर्भरता’ की भावना के प्रतीक भी हैं। एक मिश्रित मार्चिंग दस्ते और नौसेना के एक बैंड ने कर्तव्य पथ पर परेड में भाग लिया।
इस दल में शामिल सदस्यों की औसत आयु 25 वर्ष थी। अधिकारियों के मुताबिक इन कर्मियों को भारतीय नौसेना की सभी शाखाओं से सावधानीपूर्वक चयन किया गया है और इस आयोजन के लिए उन्हें दो महीने से अधिक का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों को शामिल किया जाना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है।
आईएनएस नीलगिरि परियोजना 17ए स्टील्थ फ्रिगेट श्रेणी का शीर्ष जहाज है जो शिवालिक श्रेणी के युद्धपोतों में महत्वपूर्ण उन्नयन को दर्शाता है। भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किए गए और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में निर्मित आईएनएस नीलगिरि में उन्नत विशेषताएं हैं।
यह आधुनिक विमानन सुविधाओं से परिपूर्ण है तथा एमएच-60 आर समेत विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर का परिचालन कर सकता है। परियोजना 15 बी स्टील्थ विध्वंसक श्रेणी का चौथा और अंतिम युद्धपोत आईएनएस सूरत कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक पोतों की अगली पीढ़ी का सदस्य है।
इसके डिजाइन और क्षमता में सुधार किए गए हैं और यह नौसेना के सतह पर रहने वाले बेड़े का महत्वपूर्ण सदस्य है। इसे भी आईएनएस नीलगिरि की तरह वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और एमडीएल में इसका विनिर्माण किया गया है। आईएनएस वाघशीर स्कॉर्पीन श्रेणी की परियोजना 75 के तहत छठा और अंतिम युद्धपोत है। यह बहुभूमिका वाला डीजल-विद्युत संचालित पोत है।
