UCC अधिनियम में उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों को प्रिविलेज्ड वसीयत


Pushkar singh Dhami

Uttarakhand UCC Act: उत्तराखंड में जल्द लागू होने वाले समान नागरिक संहिता (UCC) अधिनियम में सैनिकों के लिए 'प्रिविलेज्ड वसीयत' का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत वे अपनी वसीयत अपने हाथ से लिख या मौखिक रूप से निर्देशित करके भी तैयार कर सकते हैं। राज्य में सशस्त्र बलों में उत्कृष्ट योगदान देने की परंपरा के मद्देनजर किए गए प्रिविलेज्ड वसीयत के प्रावधान के अनुसार सक्रिय सेवा या तैनाती पर रहने वाले सैनिक, वायुसैनिक या नौसैनिक अपनी वसीयत को सरल और लचीले नियमों के तहत भी तैयार कर सकते हैं- चाहे वह हस्तलिखित हो, मौखिक रूप से निर्देशित की गई हो, या गवाहों के समक्ष शब्दशः प्रस्तुत की गई हो।

 

…तो साक्ष्य की जरूरत नहीं : इस प्रावधान का मूल उद्देश्य यह है कि कठिन व उच्च-जोखिम वाली परिस्थितियों में तैनात सैनिक भी अपनी संपत्ति-संबंधी इच्छाओं को प्रभावी ढंग से दर्ज करा सकें। उदाहरण के लिए अगर कोई सैनिक स्वयं अपने हाथ से वसीयत लिखता है, तो उसके लिए हस्ताक्षर या साक्ष्य (अटेस्टेशन) की औपचारिकता आवश्यक नहीं होगी, बशर्ते यह स्पष्ट हो कि वह दस्तावेज उसी की इच्छा से तैयार किया गया है।

 

इसी तरह, यदि कोई सैनिक मौखिक रूप से दो गवाहों के समक्ष अपनी वसीयत की घोषणा करता है तो उसे भी 'प्रिविलेज्ड वसीयत' माना जाएगा। हालांकि, यह एक माह बाद स्वतः अमान्य हो जाएगी यदि वह व्यक्ति तब भी जीवित है और सक्रिय सेवा जैसी उसकी विशेष सेवा-स्थितियां समाप्त हो चुकी हैं।

 

भाजपा का वादा है यूसीसी : उत्तराखंड में यूसीसी अधिनियम को लागू करना प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान सत्ताधारी भाजपा द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक है। मार्च में दोबारा सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गई थी।

 

उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को गठित विशेषज्ञ समिति ने लगभग डेढ़ साल की मेहनत से तैयार अपनी रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी, जिसके बाद मार्च 2024 में राज्य विधानसभा ने इसे पारित कर दिया। उसके बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी जिसके बाद वह अधिनियम बन गया।

 

उत्तराखंड बनेगा पहला राज्य : यूसीसी अधिनियम लागू होने के बाद उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का ऐसा पहला राज्य होगा जहां सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होगा। मुख्यमंत्री पहले ही इसे जनवरी में लागू करने की घोषणा कर चुके हैं। यूसीसी अधिनियम की नियमावली को भी हाल में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक की मंजूरी मिल चुकी है और ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इसे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। 'प्रिविलेज्ड वसीयत' को भविष्य में सैनिक द्वारा एक नई प्रिविलेज्ड वसीयत या साधारण वसीयत बनाकर रद्द या संशोधित भी किया जा सकता है।

 

यूसीसी अधिनियम में वसीयत बनाना किसी के लिए अनिवार्य नहीं है और यह केवल एक व्यक्तिगत निर्णय है। हालांकि, जो व्यक्ति अपनी संपत्ति के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश निर्धारित करना चाहता है, उसके लिए अधिनियम में एक सुरक्षित और सरल व्यवस्था की गयी है। (भाषा/वेबदुनिया)

Edited by: Vrijendra Singh Jhala 



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