साध्वी नहीं बनी तो गंगा में कूदकर जान दे दूंगी, जूना अखाड़े से घर लौटी राखी, कहा वापस जाऊंगी


sadhvi rakhi

Photo : social media

प्रयागराज में आयोजित कुंभ इस बार कई वजहों से चर्चा में है। कोई आईआईटी स्‍टूडेंट बाबा बन गया है तो कोई सोशल मीडिया इंफ्लूंएसर। अब 13 साल की राखी इसलिए चर्चा में हैं क्‍योंकि वो साध्‍वी बनना चाहती हैं।

बता दें कि राखी साध्‍वी बनने के लिए जूना अखाड़े में शामिल हुई थी।

लेकिन नाबालिग होने के कारण उसे घर भेज दिया गया। करीब 22 दिन बाद राखी अपने गांव लौट आई है, लेकिन उसका कहना है कि वो लौट तो आई है पर साध्‍वी बनकर रहेगी।राखी आगरा के फतेहाबाद में तहसील सदर के गांव टरकपुरा के दिनेश की 13 वर्षीय बेटी है। वो हाल ही में जूना अखाड़े में शामिल हुई थी। मगर, नाबालिग होने के कारण घर भेज दी गई थीं।

क्‍या कहा राखी ने : उसका कहा है कि साध्वी बनकर रहूंगी। उसका कहना है कि दीदी त्रतंभरा वृद्धावन में आश्रम में रहकर पढ़ाई कर सनातन धर्म का प्रचार करेंगी। वहीं राखी ने कहा कि मेरे गुरु पर जो आरोप लगाए गए हैं वो सब गलत है। उनका कहना है कि वह जीवन भर साध्वी बनकर ही रहेंगी। प्रयागराज कुंभ से माता-पिता के साथ लौटीं राखी ने कहा कि 25 दिसंबर 2024 को कुंभ में शामिल होने गई थीं।

माता-पिता से कहा घर चले जाओ : कुंभ में शामिल होने के बाद राखी से माता-पिता ने घर चलने के लिए कहा। लेकिन उसने कहा कि उसे साध्वी बनना है। माता-पिता से कहा कि आप घर चले जाओ। मुझे साध्वी बनना है। माता-पिता और गुरु कौशल गिरी ने काफी समझाया कि वह साध्वी न बनें। हालांकि राखी अपने इरादे पर अटल है। गुरु ने कहा था कि वो पढ़ाई पर ध्यान दें। पढ़-लिखकर नौकरी करें। उन्होंने समझाया था कि साध्वी बनना कोई आसान बात नहीं है। बात नही मानी तो गंगा में कूदकर जान देने की धमकी के बाद जूना अखाड़े में साध्वी बनाने पर सहमति बनी। अब वो साध्वी के भेष में ही रहेंगी।
Edited By: Navin Rangiyal



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