राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में कड़ी सुरक्षा, पाकिस्तानी सिम पर प्रतिबंध



Tight security in border areas of Rajasthan : राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में पड़ोसी देश द्वारा जासूसी किए जाने को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद करने के लिए और कदम उठाए हैं। जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिलों में अधिकारियों ने पाकिस्तानी सिम कार्ड के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने हाल में सीमा के पास मोबाइल टावरों की रेंज बढ़ा दी है, जिससे अनधिकृत संचार और जासूसी की आशंका बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर अंदर तक के गांवों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और बाहरी लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

 

अधिकारियों की तरफ से बुधवार को यह जानकारी दी गई। जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिलों में अधिकारियों ने पाकिस्तानी सिम कार्ड के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों के अनुसार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने हाल में सीमा के पास मोबाइल टावरों की रेंज बढ़ा दी है, जिससे अनधिकृत संचार और जासूसी की आशंका बढ़ गई है।

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जैसलमेर के जिलाधिकारी प्रताप सिंह ने कहा, सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी सिम के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगाई गई है। श्रीगंगानगर की जिलाधिकारी डॉ. मंजू ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया है।

 

अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर अंदर तक के गांवों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और बाहरी लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और स्थानीय पुलिस संवेदनशील इलाकों में ‘हाई अलर्ट’ पर हैं। जिले के एक गांव में बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट (इंटेलिजेंस) महेश चंद्र जाट ने ड्रोन गतिविधि के बारे में आम लोगों को प्रशिक्षण भी दिया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान उन्होंने सीमा पार से ड्रोन गतिविधि में संभावित वृद्धि की चेतावनी दी।

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उन्होंने कहा, हमें हर समय तैयार रहना चाहिए। लोगों को समझना चाहिए कि ड्रोन कैसे काम करते हैं और वे किस तरह के संभावित खतरे पैदा करते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संभावित हवाई हमलों के लिहाज से जयपुर, अलवर, भरतपुर, कोटा और अजमेर के साथ बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर और जोधपुर जैसे सीमावर्ती जिलों को संवेदनशील माना है।

 

नागरिक सुरक्षा निदेशालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इन क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर इलेक्ट्रिक सायरन लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष से संचालित किया जाएगा। इस बीच, सीमावर्ती क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य हो रहा है। प्रभावित जिलों में मंगलवार को बाजार फिर से खुल गए और रोजमर्रा की गतिविधियां फिर से शुरू हो गईं।

 

एक अन्य घटनाक्रम में जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम को बुधवार को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है। प्रतापगढ़ मिनी सचिवालय प्रशासन और बारां जिला प्रशासन को भी ईमेल के जरिए ऐसी ही धमकी मिली है। राज्य क्रीड़ा परिषद को ईमेल के जरिए भेजी गई धमकी में सवाई मान सिंह अस्पताल को भी संभावित निशाना बताया गया है। पुलिस ने स्टेडियम की सुरक्षा बढ़ा दी है और साइबर विशेषज्ञों की मदद से संदेश भेजने वाले का पता लगा रही है।

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वहीं राज्य में विमान सेवाएं बहाल हो गई हैं। बीकानेर, जोधपुर और किशनगढ़ (अजमेर) तीनों हवाई अड्डे पर सेवाएं चालू हो गई हैं। बुधवार को एक निजी ऑपरेटर ने किशनगढ़ से हैदराबाद, पुणे, लखनऊ, हिंडन, नांदेड़ और बेंगलुरु समेत छह शहरों के लिए सेवाएं बहाल कर दीं।

 

किशनगढ़ हवाई अड्डे के निदेशक बीएल मीणा ने कहा, निजी विमानन कंपनी की उड़ान सेवा बहाल कर दी गई है। उन्होंने कहा कि बीकानेर से इंडिगो की उड़ानें बृहस्पतिवार से शुरू होने वाली हैं। इस बीच राजस्थान में तुर्किए का विरोध शुरू हो गया है। उदयपुर के ‘मार्बल’ व्यापारियों ने घोषणा की है कि वे भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का साथ देने वाले देश तुर्किए से ‘मार्बल’ नहीं खरीदेंगे।

 

‘उदयपुर मार्बल ट्रेडर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष पंकज गंगावत ने कहा, तुर्किए द्वारा पाकिस्तान को दिए जा रहे समर्थन के विरोध में यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि ‘एसोसिएशन’ सरकार से मांग करती है कि तुर्किए के साथ ‘मार्बल’ व्यापार और पर्यटन पर प्रतिबंध लगाया जाए। राज्य शिक्षा विभाग ने सीमावर्ती जिलों में परीक्षाओं के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour



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