राम नवमी पर उपवास करने का क्या है खास नियम?


Ram Navami Puja vidhi
Ram Navami 2025: उपवास के कई प्रकार होते हैं। नित्य, नैमिक्तिक व्रत, काम्य आदि व्रत के अंर्तगत ही प्रात: उपवास, अद्धोपवास, एकाहारोपवास, रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, तक्रोपवास, पूर्णोपवास, साप्ताहिक उपवास, लघु उपवास, कठोर उपवास, टूटे उपवास, दीर्घ उपवास आदि बताए गए हैं। इसमें नैमिक्तिक व्रत और काम्य व्रत तिथि विशेष में होते हैं। प्रत्येक व्रत को करने के अपने नियम हैं।ALSO READ: राम नवमी पर कैसे बनाएं प्रभु श्रीराम की पसंदीदा पंजीरी का प्रसाद

 

1. राम नवमी के समय 8 प्रहर उपवास करने का भी विधान है। इसके अर्थ है कि भक्तों को सूर्योदय से सूर्योदय तक व्रत का पालन करना चाहिए। परंतु कई जगहों पर दिन के चार प्रहर उपवास रखते हैं। यानी सूर्योदय से सूर्यास्त तक।

 

2. राम नवमी का व्रत तीन भिन्न-भिन्न प्रकार के उद्येश्य से रखा जा सकता है। 1.नैमित्तिक- जिसे बिना किसी कारण के किया जाता है। 2. नित्य- जिसे जीवन पर्यन्त बिना किसी कामना एवं इच्छा के किया जाता है यानी हर राम नवमी पर इसे करते हैं। तथा 3. काम्य- जिसे किसी विशेष मनोरथ की पूर्ती हेतु किया जाता है।ALSO READ: श्रीराम नवमी पर 10 लाइन में जानिए भगवान राम की महिमा और इस दिन से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें

 

3. क्षमा, सत्य, दया, दान, शौच, इन्द्रिय संयम, देवपूजा, अग्निहो़त्र, संतोष तथा चोरी न करना- ये 10 नियम संपूर्ण व्रतों में आवश्यक माने गए हैं।

 

4. अनेक बार पानी पीने से, पान खाने से, दिन में सोने से, मैथुन करने से उपवास दूषित हो जाता है।

 

5. व्रत करने वाले मनुष्य को कांसे का बर्तन, मधु व पराए अन्न का त्याग करना चाहिए तथा व्रती को कीमती वस्त्र, अलंकार, सुगंधित वस्तुएं, इत्र आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए लेकिन स्वच्छ रहने को निषेध नहीं कहा गया है। 



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