भगवान श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ तीर्थंकर की स्थापना, पंचकल्याणक प्रतिष्ठा का आयोजन 1 फरवरी से 5 फरवरी तक
आचार्य शिरोमणि 108 विशुद्ध सागर महाराज ससंघ एवं आचार्य सुयोग सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में पंचकल्याणक

पंढरपुर/ज्ञानप्रवाह न्यूज: पंढरपुर के डॉ.शीतल शाह ने बताया कि सोलापुर जिले के आढीव तालुका पंढरपुर जि.सोलापूर में निर्माण क्षेत्र में किसी भी प्रकार का लोहे या लकड़ी का उपयोग किए बिना केवल राजस्थानी मकराना संगमरमर का उपयोग करके एक अनोखा और आकर्षक मंदिर बनाया गया है।
40 गुणा 80 मीटर लम्बाई और चौड़ाई वाला एक मंदिर बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण नौ महीने में पूरा हुआ।मंदिर के लिए आवश्यक संगमरमर का पत्थर मकराना शहर से लाया गया था और राजस्थानी कारीगरों द्वारा वहां तराश कर एक सुंदर कलाकृति तैयार की गई है।

इस मंदिर में भगवान श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ तीर्थंकर की स्थापना की जाएगी। इस मंदिर में 1 फरवरी से 5 फरवरी तक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया है। जैन शास्त्रों के अनुसार स्थापना जैन गुरुओं की उपस्थिति में और मंत्रोच्चार के साथ की जानी चाहिए। इसलिए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा की जाएगी।
डॉ.शीतल शाह और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुषमा शाह ने बताया कि पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में सम्पूर्ण भारत एवं महाराष्ट्र से लगभग छह से सात हजार श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे।
जैन धर्मगुरु आचार्य शिरोमणि एवं आध्यात्मिक योगी 108 विशुद्ध सागर महाराज ससंघ 30 महाराज एवं आर्यिका पधार रहे हैं। साथ ही आचार्य सुयोग सागर महाराज ससंघ भी इस पंचकल्याणम में उपस्थित रहेंगे।डॉ.शीतल शाह ने सभी श्रद्धालुओं से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ उठानेकी अपील की है।