डिजिटल फ्रॉड से निपटने के लिए RBI का बड़ा एक्शन, कार्ड नॉट प्रेजेंट में सुरक्षा की एक ओर लेयर


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RBI on Digital Fraud : भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए बैंकों और गैर-बैंकिंग इकाइयों के लिए विशेष इंटरनेट डोमेन (बैंक डॉट इन और फिन डॉट इन) शुरू किए जाने की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक ने इसके साथ सीमा पार बिना कार्ड प्रस्तुत किए (कार्ड नॉट प्रेजेंट) लेन देन में सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत शुरू करने का भी निर्णय किया है। ALSO READ: RBI ने 5 साल बाद घटाई रेपो दर, कम होगी EMI, मौद्रिक नीति की 10 खास बातें

 

आरबीआई के गवर्नर संजय मनल्होत्रा ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। इससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक इस साल अप्रैल से भारतीय बैंकों के लिए विशेष इंटरनेट डोमेन ‘बैंक डॉट इन’ शुरू कर रहा है। साथ ही आने वाले समय में गैर-बैंकिंग वित्तीय इकाइयों के लिए ‘फिन डॉट इन’ शुरू किया जाएगा।

 

इस पहल का उद्देश्य साइबर सुरक्षा खतरों और ‘फिशिंग’ जैसी दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों को करने के साथ सुरक्षित वित्तीय सेवाओं को सुव्यवस्थित बनाना है ताकि डिजिटल बैंकिंग और भुगतान सेवाओं में विश्वास बढ़े।

 

मल्होत्रा ने कहा कि इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (आईडीआरबीटी) विशेष रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेगा। वास्तविक पंजीकरण अप्रैल 2025 से शुरू होंगे। बैंकों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।

 

डिजिटल भुगतान के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण कारक (एएफए) की शुरुआत ने लेनदेन की सुरक्षा को बढ़ाया है, जिससे ग्राहकों को डिजिटल भुगतान अपनाने का भरोसा मिला है। हालांकि, यह आवश्यकता केवल घरेलू लेनदेन के लिए अनिवार्य है।

 

भारत में जारी किए गए कार्ड का इस्तेमाल कर ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय लेनदेन पर समान स्तर की सुरक्षा प्रदान करने के लिए बिना कार्ड प्रस्तुत किये अंतरराष्ट्रीय (ऑनलाइन) लेनदेन के लिए भी एएफए को सक्षम करने का प्रस्ताव है। यह उन मामलों में सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करेगा जहां विदेशी व्यापारी एएफए के लिए सक्षम है।

Edited by : Nrapendra Gupta 

 



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