बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना का पहला बयान, पढ़िए हिंसा को लेकर क्या बोलीं



ढाका/नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने न्याय की मांग करते हुए मंगलवार को कहा कि हाल के 'आतंकवादी कृत्यों' (Terrorist acts), हत्याओं और तोड़फोड़ में शामिल लोगों की जांच कर उनकी पहचान की जानी चाहिए तथा उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।

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5 अगस्त को पद से हटने के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में हसीना (76) ने कहा कि आंदोलन के नाम पर जुलाई से जारी हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई है। हसीना इस समय नई दिल्ली में हैं। अमेरिका में रह रहे उनके बेटे साजिब वाजेद ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर अपने हैंडल पर हसीना का बयान पोस्ट किया, जो बांग्ला भाषा में है।

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बयान में हसीना ने कहा कि मैं छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, गर्भवती महिलाओं, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं, पैदल चलने वालों और कई प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों की मौत पर दुख व्यक्त करती हूं।

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हसीना ने 15 अगस्त, 1975 को अपने परिवार के सदस्यों की नृशंस हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे अपने जैसे उन लोगों के प्रति सहानुभूति है, जो अपने प्रियजनों को खोने के दुख के साथ जी रहे हैं। मैं इन हत्याओं और आतंकवादी कृत्यों में शामिल लोगों की पहचान कर और उन्हें सजा देने के लिए उचित जांच की मांग करती हूं।(भाषा)

 

Edited by: Ravindra Gupta



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