RBI के फैसले से Real Estate Sector में आएगा बूम, त्योहारी सीजन में बढ़ेगी मकानों की मांग



real estate sector : जमीन-जायदाद (Real estate development) के विकास से जुड़ी कंपनियों और विशेषज्ञों ने नई दिल्ली में गुरुवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो दर के 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने से ब्याज के मोर्चे पर स्थिरता आएगी और इससे आगामी त्योहारों के दौरान मकानों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही कंपनियां स्थिर ब्याज दर (interest rate) के परिवेश में नई परियोजनाएं पेश करने को प्रोत्साहित होंगी।

 

आरबीआई ने गुरुवार को उम्मीद के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार 9वीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। रियल एस्टेट क्षेत्र का शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि आरबीआई का रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र को एक स्थिर माहौल देता है। स्थिर दरें आवास ऋण को अधिक किफायती बनती है जिससे आगामी त्योहारों के दौरान आवास बाजार में मांग बढ़ने की संभावना है।

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उन्होंने कहा कि यह स्थिरता डेवलपरों को भरोसे के साथ नई परियोजनाएं पेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। आरबीआई का संतुलित दृष्टिकोण बाजार के विश्वास को बनाए रखने में मदद कर रहा है। यह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों को आश्वस्त भी करेगा। 

 

रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का लगातार नौवीं बार रेपो दर को बरकरार रखने का निर्णय मौद्रिक नीति के प्रति निरंतर सतर्क दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। यह मुद्रास्फीति दबाव और मजबूत आर्थिक परिवेश को बढ़ावा देने के आरबीआई के प्रयास को बताता है।

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उन्होंने कहा कि यथास्थिति बनाए रखने से रियल एस्टेट क्षेत्र में गति बने रहने की संभावना है। नीतिगत दर में स्थिरता से बाजार को लाभ होने के साथ ग्राहकों के बीच भरोसा बढ़ेगा। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव को देखते हुए आज की मौद्रिक नीति घोषणा हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप है।

 

उन्होंने कहा कि यह निर्णय दीर्घकालिक मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। साथ ही सतत आर्थिक वृद्धि के लिए अनुकूल परिवेश को बढ़ावा देता है। कुछ उच्च आवृत्ति संकेतक वृद्धि में कुछ नरमी का संकेत देते हैं, यह उत्साहजनक है कि केंद्रीय बैंक को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7.2 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का भरोसा है।

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कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख विमल नादर ने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को लेकर आशंकाओं के बीच आरबीआई सतर्क रुख बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि ब्याज दर के मोर्चे पर स्थिरता के साथ-साथ स्टाम्प ड्यूटी शुल्क को तर्कसंगत बनाने की हाल ही में की गई घोषणा और महिला मकान खरीदारों के लिए रियायतें रियल एस्टेट क्षेत्र खासकर आवासीय क्षेत्र के लिए अच्छी खबर हैं। वित्त पोषण शुल्क में स्थिति साफ होने से आगामी त्योहारों के दौरान मकान खरीदारों और डेवलपर दोनों को मदद मिलेगी।

 

क्रिसुमी कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन ने कहा कि हालांकि ब्याज दर में कटौती रियल एस्टेट समेत विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए आदर्श स्थिति होती, लेकिन यथास्थिति बनाए रखन से कर्ज की लागत को बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी। कर्ज की लागत स्थिर होने से आवासीय मांग को बढ़ावा मिलेगा तथा इससे पूरी अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई का नीति के मोर्चे पर स्थिरता बनाए रखने के प्रयास से न केवल मकान खरीदारों को बल्कि रियल एस्टेट कंपनियों को भी लाभ होगा।

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सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लि. के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि महंगाई को नियंत्रण में करने के उद्देश्य से आरबीआई का नीतिगत दर स्थिर रखने का निर्णय उम्मीद के मुताबिक है। आरबीआई का ध्यान महंगाई को निर्धारित लक्ष्य के भीतर रखने पर है। अच्छे मानसून की उम्मीद से केंद्रीय बैंक आने वाले महीनों में ब्याज दरों को कम कर सकता है जिससे रियल एस्टेट की बिक्री में तेजी आएगी और संभावित घर खरीदारों को बाजार में प्रवेश करने का मौका मिलेगा। 

 

अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा कि आरबीआई का यह फैसला स्वागत योग्य है। जीडीपी के आंकड़ों में सुधार की उम्मीद है और रियल एस्टेट क्षेत्र का जीडीपी में योगदान बढ़ रहा है। आरबीआई का यह कदम निस्संदेह रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देगा।

 

अनंत राज लिमिटेड के निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमन सरीन ने कहा कि आर्थिक विकास की रफ्तार बनाए रखने और मंहगाई को नियंत्रण में रखने लिए नीतिगत दरों में बदलाव न करने के आरबीआई के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। इस निर्णय ने एक स्थिर आर्थिक परिदृश्य को मजबूती मिलेगी, जो सतत वृद्धि के लिए जरूरी है।

 

लोहिया वर्ल्डस्पेस के निदेशक पीयूष लोहिया ने कहा कि आरबीआई का रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखना और चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बनाए रखने से रियल एस्टेट कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। स्थिर ब्याज दर मकान खरीदारों को मकान खरीदने और निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि इस स्थिरता से त्योहारों के दौरान मकानों की मांग बढ़ने की संभावना है।

 

मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक यश मिगलानी ने कहा कि आरबीआई के रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के निर्णय से रियल्टी क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ब्याज दर स्थिर रहने से संभावित घर खरीदार अनुकूल ऋण परिवेश का लाभ उठा सकते हैं।(भाषा)

 

Edited by: Ravindra Gupta



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