प.पू. अवंति तीर्थोंद्वारक युग दिवाकर ख़रतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरिश्वर जी म सा की आज्ञानुवर्तीनी प.पु. साध्वी श्री बहिन म.सा डॉ,विधुतप्रभा श्री जी म,सा की शिष्या साध्वी श्री डॉ.नीलांजना श्री जी म.सा.आदि ठाणा-3 की निश्रा में
रविवार को प्रवचन साधार्मिक भक्ति पर विशेष था हर जिनशासन के श्रावक को जीवन में किसी भी प्रकार की साधार्मिक भक्ति जीवन में मन के भाव से करनी चाहिए बहुत ही अच्छी संख्या में जिनशासन प्रेमी श्रावक श्राविका बच्चे वगेरह प्रवचन का श्रवण करने उपसारे में थे उस की बाद जैन सॉंग की अंतराक्षी का प्रोग्राम था बहुत ही अच्छा जैन सॉंग पर कार्यक्रम था इस तरह के प्रोग्राम से जीनशासन का गौरव बढ़ता है हर रविवार विशेष प्रोग्राम संघ में होते हे बहुत ही चातुर्मास भव्य रूप से चल रहा
साध्वी निलांजना श्री द्वारा बहुत सुंदर साधर्मिक भक्ति के बारे में बताया गया बहुत ही मन भाव से हर व्यक्ति विशेष को जीवन में साधार्मिक भक्ति जीवन में एक बार ज़रूर करनी चाहिए चाहे संघ में या कभी किसी एक व्यक्ति विशेष के प्रति मन से की हुई स्वामी भक्ति करनी चाहिए उस में मन के भाव आदि से की हुई भक्ति भी एक स्वामी भक्ति का ही लाभ होता है इस तरह कार्यक्रम बड़े अच्छे तरीक़े से रविवार का कार्यक्रम भव्य रहा सभी संघ के वरिष्ठ ट्रस्टीगण एव संघ समाज के अच्छी संख्या में लोग इस प्रोग्राम में थे