ये है चाइनीज काली मंदिर, मिठाइयों की जगह चढ़ाया जाता है नूडल्स और मोमोज का प्रसाद


Kolkata Chinese Kali Temple: इस वर्ष चैत्र नवरात्रि-2025 (Chaitra Navratri 2025) की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है। वैसे तो पूरे देश में माता के कई सिद्ध मंदिर मौजूद हैं जिसे भक्तों की विशेष आस्था जुड़ी है। इसमें से कई मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों के लिए भी जाने जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे काली मंदिर के बार में बता रहे हैं जिसका नाम सुनते ही लोग चौंक जाते हैं। इस मंदिर का नाम है चाइनीज काली मंदिर। चौंक गए ना आप भी! चलिए जानते हैं इस मंदिर के नाम के पीछे की कहानी।
 
कहां स्थित है चाइनीज काली मंदिर
चाइनीज काली माता का यह मंदिर बंगाल की राजधानी कोलकाता के तांग्रा नाम की जगह पर स्थित है। स्थानीय लोग इस चाइना टाउन भी कहते हैं। असल में चीन गृहयुद्ध के दौरान यहां चीन से कई लोग शरणार्थी बनकर रहने लगे थे। जब चीन में गृह युद्ध की स्थिति थी उस समय कई चीनी शरणार्थी कोलकाता में आकर बस गए थे। वे अपने साथ अपनी संस्कृति और परंपराएं लेकर आए। 
 
चीनी काली मंदिर की कहानी
मंदिर के इस विचित्र नाम के पीछे एक कहानी है। कहते हैं करीब 60 वर्ष पहले इस कस्बे में एक चाइनीज परिवार रहता था। एक बार इस परिवार के एक बच्चे की तबीयत बहुत खराब हो गई । कई जगह इलाज कराने पर भी बच्चे की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। आखिरकार वह परिवार बच्चे को लेकर मां काली की शरण में आए। कहते हैं यहां आते ही चमत्कारी रूप से बच्चे की तबियत ठीक हो गई। यह बात पूरे चीनी समुदाय में तेजी से फैल गई और तब  चाइनीज समुदाय के लोगों ने इस मंदिर को अच्छे से बनवाया।  उन्होंने नियमित रूप से यहां पूजा अर्चना आरंभ कर दी। धीरे-धीरे इस मंदिर में बड़ी संख्या में चीनी लोग पहुंचने लगे। इसके बाद से ही इस मंदिर को चाइनीज काली माता के नाम से जाना जाने लगा और यहां पूरे विधि विधान से देवी की पूजा की जाने लगी।

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प्रसाद में चढ़ाए जाते हैं चाइनीज व्यंजन
चीनी काली मंदिर में चीनी शरणार्थियों ने अपनी परंपरा के अनुसार माता को नूडल्स चढ़ाना शुरू कर दिया, जिसने धीरे-धीरे करके मंदिर के प्रसाद के तौर पर जगह ले ली। यह परंपरा भोग के रूप में विकसित हुई, जिसे आज भी प्रसाद के रूप में परोसा जाता है। आज इस मंदिर में प्रसाद के रूप में नूडल्स के साथ मोमोज और कई तरह के अन्य चाइनीज व्यंजन परोसे जाते हैं। लोग यह चाइनीज फूड मां काली का आशीर्वाद मानकर ग्रहण करते हैं।आपको बता दें, प्रसाद के रूप में नूडल्स परोसने की यह अनूठी परंपरा अब काली मंदिर का एक प्रिय हिस्सा बन गई है।


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