ट्रंप का बड़ा झटका, इस्पात और एल्युमीनियम पर लगा 25 प्रतिशत टैक्स



Donald Trump imposed: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर सभी इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने ऐसे समय में वादा किया कि करों से अमेरिकी कारखानों में नौकरियों के सृजन में मदद मिलेगी, जब उनके उतार-चढ़ावभरे शुल्क खतरों ने शेयर बाजार (stock market) को हिलाकर रख दिया है और आर्थिक मंदी की आशंकाएं बढ़ा दी हैं। ट्रंप ने धातुओं पर अपने 2018 के शुल्क से सभी छूटों को हटा दिया और एल्युमीनियम (aluminum) पर शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ा दिया।ALSO READ: कनाडा के नए पीएम मार्क कार्नी ने ट्रंप पर साधा निशाना, टैरिफ वॉर पर दिया कड़ा बयान

 

फरवरी में दिए निर्देश पर आधारित उनके कदम वैश्विक वाणिज्य को बाधित करने और बदलने के व्यापक प्रयास का हिस्सा हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर अलग-अलग शुल्क लगाए हैं, साथ ही 2 अप्रैल से यूरोपीय संघ, ब्राजील और दक्षिण कोरिया से आयात पर भी 'जवाबी' दरों पर कर लगाने की योजना बनाई है।

 

ट्रंप ने मंगलवार को कारोबारी गोलमेज सम्मेलन में विभिन्न कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) से कहा कि शुल्क के कारण कंपनियां अमेरिकी कारखानों में निवेश कर रही हैं। वृद्धि में गिरावट की आशंका के कारण पिछले महीने एसएंडपी 500 शेयर सूचकांक में 8 प्रतिशत की गिरावट से उनका मनोबल गिरने की संभावना नहीं है, क्योंकि ट्रंप ने तर्क दिया कि कारखानों को वापस लाने में उच्च शुल्क दरें अधिक प्रभावी होंगी।

 

ट्रंप ने कहा कि यह जितना अधिक ऊपर जाएगा, उतनी ही अधिक संभावना है कि वे निर्माण करेंगे। सबसे बड़ी जीत यह होगी कि वे हमारे देश में आएं और नौकरियां पैदा करें। यह शुल्क से भी बड़ी जीत है, लेकिन शुल्क से इस देश को बहुत सारा पैसा मिलने वाला है।ALSO READ: ट्रंप चाल से परेशान चीन ने भारत की ओर बढ़ाया दोस्ती का हाथ

 

ट्रंप ने मंगलवार को कनाडा से आयातित इस्पात और एल्युमीनियम पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी थी, लेकिन ओंटारियो प्रांत द्वारा मिशिगन, मिनेसोटा और न्यूयॉर्क को बेची जाने वाली बिजली पर अधिभार लगाने की योजना को स्थगित करने के बाद उन्होंने 25 प्रतिशत की दर पर ही बने रहने का निर्णय लिया।ALSO READ: डोनाल्ड ट्रंप का दावा, भारत सरकार टैरिफ में कटौती के लिए तैयार

 

कई मायनों में, राष्ट्रपति अपने पहले कार्यकाल के अधूरे कामों देख रहे हैं। ट्रंप ने शुल्क में सार्थक वृद्धि की, लेकिन संघीय सरकार द्वारा एकत्र किए गए राजस्व समग्र मुद्रास्फीति दबावों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए बहुत कम थे। इस्पात और एल्युमीनियम पर ट्रंप के 2018 शुल्क छूट से कम हो गए थे।(भाषा)

 

Edited by: Ravindra Gupta



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