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Mukhtar Abbas Naqvi's statement amid nameplate controversy on shops in Muzaffarnagar : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कावड़ यात्रा के मद्देनजर भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि आस्था का सम्मान होना चाहिए, पर अस्पृश्यता को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।
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नकवी ने यह भी कहा कि कुछ अति उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गड़बड़ी वाली अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, ताकि भ्रम की स्थिति से बचा जा सके। विपक्षी दल इस आदेश को समुदाय विशेष के व्यापारियों को निशाना बनाने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं।
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पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, कुछ अति उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गडबड़ी वाली अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं, आस्था का सम्मान होना ही चाहिए, पर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए, जनम जात मत पूछिए, का जात अरु पात। रैदास पूत सब प्रभु के, कोए नहिं जात कुजात।
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इस पर जब कुछ लोगों ने उन्हें ‘ट्रोल’ करने का प्रयास किया तो उन्होंने एक और पोस्ट किया, अरे ट्रोलर टट्टुओं, कावड़ यात्रा के सम्मान, श्रद्धा का सर्टिफिकेट कम से कम मुझे तो मत बांटो, मेरा हमेशा मानना है कि कोई भी आस्था असहिष्णुता, अस्पृश्यता की बंधक नहीं होनी चाहिए। नकवी ने अपनी एक पुरानी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वे अपने कंधे पर कावड़ लिए हुए नजर आ रहे हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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