मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से क्या मिलेगा मोक्ष?


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what is the moksha: मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। मोक्षदा एकादशी का व्रत 11 दिसंबर बुधवार 2024 के दिन रखा जाएगा। इस दिन श्रीकृष्‍ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था इसलिए इस दिन गीता जयंती भी रहती है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हालांकि मोक्ष प्राप्त करना इतना आसान नहीं है। जानिए क्या है मोक्ष।ALSO READ: गीता जयंती पर मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने के फायदे के साथ जानें उपवास रखने के नियम

 

मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने का फल:

दरअसल इस दिन लाखों योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए थे और कहा जाता है कि कुरुक्षेत्र के युद्ध में जो भी वीरगति को प्राप्त हुआ था उसे मोक्ष मिला था। इस दिन व्रत रखने से मोक्ष तो नहीं मिलता है लेकिन व्रत रखने का बहुत पुण्‍य माना गया है। मान्यतानुसार इस दिन उपवास करने से मन पवित्र तथा शरीर स्वस्थ होता है। पापों से छुटकारा मिलता है तथा जीवन में सुख-शांति आती है। इस दिन गीता पाठ पढ़ें तथा उनके उपदेशों को जीवन में उतारने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।ALSO READ: मोक्षदा एकादशी की पौराणिक कथा

 

क्या होता है मोक्ष?

भगवान श्रीकृष्‍ण के कारण हजारों लोगों ने ज्ञान प्राप्त किया था।  भगवान श्रीकृष्ण के भक्ति के कालांतर में हजारों लोगों के मोक्ष प्राप्त किया। सुदामा से लेकर सुरदास तक उनके भक्तों की अनंत सूची है। ज्ञान प्राप्त करने का अर्थ है मोक्ष के मार्ग के दर्शन करना और उसी पर चल पड़ना। हालांकि ऐसे में कई लोग थे जो श्रीकृष्ण के पास होते हुए भी कुछ भी प्राप्त नहीं कर पाए क्योंकि श्रीकृष्ण और उन लोगों के बीच अहंकार या स्वयं ज्ञानी होने की दीवार थी। मोक्ष प्राप्त करना अर्थात कैवल्य ज्ञान, संबोधि प्राप्त करना होता है। मोक्ष का अर्थ है जन्म और मारण के चक्र से मुक्ति होकर सदा सदा के लिए परमधाम में रहना या अपनी मर्जी से सुख और दुखों से मुक्त होकर रहना। ALSO READ: Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?



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