[ad_1]
NTA to move Supreme Court for transfer of petitions : दिल्ली उच्च न्यायालय को बुधवार को यह अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा स्नातक (NEET-UG) के उम्मीदवारों द्वारा विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं को स्थानांतरित किए जाने को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।
नीट-यूजी उम्मीदवारों ने कथित तौर पर कृपांक दिए जाने, पेपर लीक होने और कुछ प्रश्नों के उत्तरों के मूल्यांकन में विसंगतियों को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालयों में याचिकाएं दायर की हैं। इस बीच, न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की अवकाश पीठ ने एनटीए को नोटिस जारी किया और उसे नीट-यूजी, 2024 के उम्मीदवारों की चार याचिकाओं पर जवाब देने के लिए कहा।
ALSO READ: NEET Results 2024 : 1500 स्टूडेंट्स के रिजल्ट की फिर से होगी जांच, NTA ने दिया बड़ा अपडेट
सर्वोच्च न्यायालय का अनुसरण करते हुए उच्च न्यायालय ने भी ‘काउंसलिंग प्रक्रिया’ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने याचिकाओं पर जवाब देने के लिए कुछ मोहलत दिए जाने का एनटीए का अनुरोध स्वीकार कर लिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच जुलाई की तारीख तय की।
सुनवाई की शुरुआत में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को अवगत कराया कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं से संबंधित सात अलग-अलग उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर की गई हैं और कुछ याचिकाएं उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी जल्द ही सभी याचिकाओं की सुनवाई एक ही जगह करने के लिए शीर्ष अदालत के समक्ष एक स्थानांतरण याचिका दायर करेगी।
ALSO READ: NEET exam : प्रदर्शनकारी छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, काउंसलिंग पर रोक नहीं
मेहता ने अदालत से कहा, हम सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरण याचिकाएं दायर कर रहे हैं, क्योंकि विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा परस्पर विरोधी विचारों की संभावना है। क्या न्यायाधीश महोदय एक या दो सप्ताह प्रतीक्षा करने पर विचार कर सकते हैं? हम स्थानांतरण याचिका दायर करेंगे। विधि अधिकारी ने कहा कि इन याचिकाओं को मोटे तौर पर कृपांक/प्रतिपूरक अंक प्रदान करने, कथित पेपर लीक और कुछ प्रश्नों के उत्तरों में विसंगतियों के मुद्दों को उठाने के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
ALSO READ: NEET Scam से 24 लाख स्टूडेंट के भविष्य पर खतरा, फिर सवालों के घेरे में सरकार?
कुछ याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत से अधिकारियों को फिलहाल काउंसलिंग शुरू न करने का निर्देश देने या इस बात का संज्ञान लेने का आग्रह किया कि काउंसलिंग इन याचिकाओं के फैसले पर निर्भर करती है। हालांकि उच्च न्यायालय ने ऐसा आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। मेहता ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला दिया, जिसमें ऐसी कोई राहत नहीं दी गई थी।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि एक प्रतियोगी परीक्षा में निष्पक्षता के सिद्धांत के अनुसार सभी उम्मीदवारों का समान स्तर पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए। नीट-यूजी परीक्षा देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
[ad_2]
Source link