प्रदेश को शिक्षा मंत्री चाहिए, असहाय भाषण मंत्री नहीं – संयुक्त अभिभावक संघ

प्रदेश को शिक्षा मंत्री चाहिए, असहाय भाषण मंत्री नहीं – संयुक्त अभिभावक संघ

शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूलों की बदहाली, निजी स्कूलों की मनमानी, शिक्षक भर्ती, शिक्षक प्रमोशन और आरटीई जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बन रहे है भाषणवीर – अभिषेक जैन बिट्टू

जयपुर /ज्ञानप्रवाह न्यूज ,दि.19 अक्टूबर 2024- 10 महीनों पहले नवगठित राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री पद का दायित्व संभाल रहे मदन दिलावर फिर अपने भाषण की वजह से सुर्खियों में 16 अक्टूबर को नीम का थाना में एक स्कूल के समारोह में शिक्षा मंत्री ने शिक्षा व्यवस्था में चल रही बदहाली और सरकार के कार्यों का बखान गाने की बजाय इस बार शिक्षक और शिक्षिकाओं ही अपने निशाने पर ले लिया और उन्हें अपनी असहाय नसीहत का पाठ पढ़ाने लगे। इस बार मदन दिलावर ने शिक्षिकाओं के परिधान पहनने पर अपने भाषण दिए।

जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि प्रदेश को शिक्षा मंत्री चाहिए,असहाय भाषण मंत्री नहीं चाहिए जो केवल नसीहतों और भाषणों से ही सुर्खियां बटोरने में लगे रहते है, विगत 10 महीनों में शिक्षा मंत्री ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की बजाय केवल अपने भाषणों पर ही ध्यान दिया है।

संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था अपने बहुत बुरे दौर से गुजर रही है, प्रदेश सरकार ना सरकारी स्कूलों की बदहाली पर कोई योजना बना पा रही है, ना निजी स्कूलों की मनमानी रोक पा रही है केवल इतना ही नहीं राज्य में सवा लाख से अधिक शिक्षक भर्ती होनी है उस पर सरकार मौन धारण किए हुए बैठी है। गरीब परिवारों के बच्चों के आरटीई में एडमिशन नहीं हो रहे है इन सब बातों पर ध्यान लगाने और योजना बनाने के लिए शिक्षा मंत्री के पास समय नहीं है केवल स्कूलों में बच्चियां हिजाब नहीं पहनकर आएगी, महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल बंद किए जाएंगे, स्कूलों में सूर्य नमस्कार होगा, शिक्षिकाओं का स्कूल में कैसे आना चाहिए इन सब बातों पर भाषण देने के लिए पर्याप्त समय है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पूरी तरह से अपने कर्तव्यों का पालन भूल गए है और अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए प्रदेश के लोगों को गुमराह करने और अपने आपको भाषणवीर बनाने का प्रयास कर रहे है। बेहतर होगा मदन दिलावर से शिक्षा मंत्रालय वापस लिया जाए और उन्हें केवल भाषण मंत्री की जिम्मेदारी पर प्रमोशन दिया जाए।

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