चलियार नदी सुना रही है वायनाड में तबाही की खौफनाक कहानी, 40 KM तक बहे शव



Wayanad landslide : केरल में 3 जिलों के लोगों के लिए जीवन रेखा कही जाने वाली चलियार नदी 30 जुलाई को वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद तबाही की खौफनाक प्रतीक बन गई है। कुल 169 किलोमीटर लंबी यह नदी वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड में बसे लोगों के लिए कई पीढ़ियों से जीवन का आधार रही है, लेकिन अब इसका शांत पानी दुखों का प्रतीक बन गया है, जिसमें भूस्खलन के बाद लापता हुए कई लोगों के शव मिले हैं।

 

पश्चिमी घाट में दो प्रमुख सहायक नदियों के संगम से बनी यह नदी आपदा में जान गंवाने वाले अधिकतर लोगों के शवों को अपने साथ बहाकर ले गई। राज्य सरकार ने कहा है कि चलियार नदी के 40 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश अभियान जारी रहेगा। ALSO READ: केरल भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 218, शरीर के 143 अंग भी बरामद

 

नौसेना, पुलिस, अग्निशमन एवं बचाव दल तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) सहित विभिन्न एजेंसी एवं स्थानीय निवासियों के हालिया प्रयासों से शनिवार को नदी से 3 और शव तथा शरीर के 13 अंग बरामद किए गए।

 

अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही चालियार नदी में मिले शवों की संख्या बढ़कर 73 और शरीर के अंगों की संख्या बढ़कर 132 हो गई।

 

wayanad landslide
केरल के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने रविवार को कहा कि भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले में तलाश एवं बचाव अभियान छठे दिन भी जारी रहेगा। रियास ने कहा कि उन स्थानों पर अधिक बचावकर्मियों और उपकरणों को तैनात किया जाएगा जहां अधिक शव मिलने की संभावना है।

 

उन्होंने कहा कि वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों से होकर बहने वाली चलियार नदी के 40 किलोमीटर के क्षेत्र में तलाश अभियान जारी रहेगा क्योंकि मलप्पुरम में नीलांबुर के पास इस नदी से कई शव और मानव शरीर के अंग बरामद किए गए हैं।

 

जिला प्रशासन के मुताबिक, वायनाड जिले में बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 219 हो गई है और अब तक शरीर के 143 अंग भी बरामद किए जा चुके हैं। इसके अलावा 206 लोग अब भी लापता हैं। मीडिया खबरों के अनुसार, हादसे में 300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। (इनपुट भाषा)

Edited by : Nrapendra Gupta 



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