वायनाड में चौथे दिन भी जिंदगी बचाने की जंग, 300 से ज्यादा लापता


  • मलबे में जिंदगी तलाश रही है 40 रेस्क्यू टीमें
  • बेली ब्रीज बनने से तेज हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
  • मुंडक्कई और चूरलमाला तक पहुंच पाएगी भारी मशीनें और एंबुलैंस

Wayanad landslide : केरल के वायनाड में भूस्खलन के चौथे दिन भी जिंदगी बचाने की जंग जारी है। 90 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने से बचाव अभियान में तेजी आई है। इस पुल के रास्ते उत्खनन मशीनों सहित भारी मशीनें और एम्बुलेंस मुंडक्कई और चूरलमाला तक पहुंच पाएंगी। वायनाड में भूस्खलन की वजह से 308 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 300 लोग अब भी लापता है।

 

बचावकर्मियों की 40 टीम ने शुक्रवार सुबह बारिश और प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया। बचावकर्मियों की 40 टीम भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के छह जोन अट्टामाला और आरणमाला, मुंडक्कई, पुंचिरिमट्टम,वेल्लारीमाला गांव, जीवीएचएसएस वेल्लारीमाला में पीड़ितों की तलाश करेंगी। इसके अलावा चलियार नदी में भी पीड़ितों की तलाश की जाएगी।

 

बचावकर्मियों की टीम में सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) , डीएसजी, तटरक्षक बल, नौसेना और एमईजी के कर्मियों के साथ-साथ 3 स्थानीय लोग और वन विभाग का कर्मचारी शामिल होगा।

 

https://platform.twitter.com/widgets.jsबचाव योजना के अनुसार, चालियार के 40 किलोमीटर क्षेत्र में स्थित 8 पुलिस थाने के पुलिसकर्मी और स्थानीय तैराक बलों के साथ मिलकर उन शवों की खोज करेंगे, जो संभवतः बहकर नीचें चले गए हैं या नदी के किनारे फंसे हुए हैं।

 

तटरक्षक बल, नौसेना और वन विभाग के कर्मी संयुक्त रूप से नदी के किनारों और उन क्षेत्रों पर तालाश अभियान संचालित करेंगे जहां शव फंसे होने की आशंका है। मलबे में दबे शवों का पता लगाने के लिए दिल्ली से ड्रोन आधारित रडार शनिवार को वायनाड लाया जाएगा।

Edited by : Nrapendra Gupta 



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