रामकथा है जीवन की संजीवनी औषधि – महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी


नवलखा अग्रवाल संगठन की मेजबानी में इंदौर के आनंद नगर में भव्य रामकथा महोत्सव का आयोजन
📍इंदौर | 🗓 16 अप्रैल 2025  एस.डी. न्यूज़ एजेंसी | 


“जिस घर में भगवान की चर्चा होती है, वहां धर्म का वास होता है।” – इन्हीं प्रेरक शब्दों के साथ महामंडलेश्वर प.पू. उत्तम स्वामी महाराज ने इंदौर के आनंद नगर खेल परिसर मैदान में आयोजित रामकथा महोत्सव में श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन प्रदान किया। यह आयोजन अग्रवाल संगठन, नवलखा इंदौर की मेजबानी में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और विशिष्ट जनों की उपस्थिति रही।


राम चरित्र – संपूर्ण विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत

उत्तम स्वामी महाराज ने कहा:

रामकथा जीवन के परम लक्ष्य को साधने वाली परिपूर्ण औषधि है। यह केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाला आदर्श है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे देशों में भी राम का चरित्र स्कूली शिक्षा में शामिल किया जा रहा है, जिससे बच्चे सद्गुणों से युक्त व्यक्तित्व का अनुकरण कर सकें।


विशिष्ट अतिथियों ने की व्यासपीठ की पूजा

कथा के शुभारंभ अवसर पर कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने व्यासपीठ का पूजन किया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल रहे –

  • कैलाश विजयवर्गीय (नगरीय विकास मंत्री)
  • सांसद शंकर लालवानी,
  • महापौर पुष्यमित्र भार्गव,
  • पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय,
  • राजीव बांकड़ा, सुनील बड़गोंदा, राकेश अग्रवाल, सुरेश रामपीपल्या, बालमुकुंद अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, पूनम गुप्ता, सुरभि अग्रवाल आदि।

यजमान समूह में प्रमुख रहे – दुर्गेश गर्ग, रामप्रकाश गुप्ता, मृदुल अग्रवाल।
संयोजक: संदीप गोयल (ऑटो)
संत समाज से: संत रामानंद, संत मंगलनाथ की उपस्थिति भी विशेष रही।


तीन गलतियां जो मंदिर जाते समय करते हैं लोग – उत्तम स्वामी

  1. रास्ते में लगे विज्ञापन और बोर्ड पढ़ते हैं।
  2. मंदिर में जाकर आंखें बंद कर लेते हैं।
  3. भक्त जैसा आचरण नहीं अपनाते।

उन्होंने कहा कि “भगवान के सामने जाति, धर्म, संप्रदाय कोई मायने नहीं रखते।” रामकथा व्यक्ति को नर से नारायण बनने की यात्रा कराती है।


रामकथा: संवाद और सत्संग का स्रोत

महामंडलेश्वर ने ज़ोर देकर कहा:

यदि घर में कलह हो, तो महीने में एक बार अखंड रामायण का पाठ अवश्य करें।
उन्होंने बताया कि राम कथा न केवल कलह से मुक्ति देती है, बल्कि घर में शांति और सकारात्मकता का संचार करती है।


इंदौर के लोग संयमी, लेकिन सोचने की जरूरत

भारत में शराब पर वर्ष भर में 5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इंदौर में भी यह आंकड़ा 2-3 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचता है।

पेट्रोल के दाम बढ़ने पर आंदोलन होते हैं, लेकिन शराब के दाम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। इंदौरवासी फिर भी संयमित माने जाते हैं।” – उत्तम स्वामी


निष्कर्ष – चरित्र निर्माण की पाठशाला है रामकथा

रामकथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि चरित्र, संयम, और सद्भाव की पाठशाला है।
राम के चरित्र का श्रवण, और आचरण में उसका समावेश, ही हमें परमात्मा की कृपा का पात्र बना सकता है।


संवाददाता – विनोद गोयल


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