National Herald Case : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald case) में मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के आरोप में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 9 अप्रैल को दाखिल आरोप-पत्र की संज्ञान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पड़ताल की और सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की। आरोप-पत्र में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम भी आरोपी के तौर पर शामिल हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि मौजूदा अभियोजन शिकायत को संज्ञान के पहलू पर विचार के लिए अगली बार 25 अप्रैल, 2025 को इस अदालत के समक्ष रखा जाएगा, जब ईडी और जांच अधिकारी (आईओ) के विशेष वकील अदालत के अवलोकन के लिए केस डायरी भी प्रस्तुत करेंगे।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था।
आरोप लगाया गया कि कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया। स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था।
स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।
जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी।
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डराने-धमकाने की कोशिश
कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उसके शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आरोप पत्र दाखिल किया जाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस मामले में कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप बैठने वाला नहीं है। ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में धनशोधन के आरोप में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने नौ अप्रैल को दाखिल आरोप-पत्र के संज्ञान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पड़ताल की और सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को ज़ब्त करना कानून के शासन का मुखौटा लगाकर किया गया एक राज्य प्रायोजित अपराध है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। रमेश ने जोर देकर कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा। सत्यमेव जयते!
प्रवर्तन निदेशालय ED द्वारा नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को ज़ब्त करना और श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना राजनैतिक उत्पीड़न की कार्रवाई है।
देश की जनता और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 15, 2025
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क्या बोली भाजपा
भाजपा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किये जाने के बाद, मंगलवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और सार्वजनिक संपत्ति की लूट में लिप्त लोगों को अब इसकी कीमत चुकानी होगी।
केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने कांग्रेस नेताओं पर जनता के पैसे की ‘‘लूट’’ में लिप्त होने के बाद खुद को पीड़ित बताने का भी आरोप लगाया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ईडी की कार्रवाई को बदले की राजनीति कहने के लिए विपक्षी पार्टी की आलोचना की और कहा कि मामले में कार्यवाही अदालत के आदेश पर शुरू हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘क्या उनका मतलब यह है कि अदालत ने उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की है?’’
इस घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर पूनवाला ने कहा कि जो भी भ्रष्टाचार और लूट में लिप्त है, उसे अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अब ईडी का मतलब लूट और परिवारवाद का अधिकार नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि वे जनता का पैसा और संपत्ति हड़प लेते हैं और जब कार्रवाई होती है तो खुद को पीड़ित बताते हैं… उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले में भी जनता की संपत्ति अपने नाम कर ली।’’ इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma