देवों, पितरों और ऋषि मुनियों को करना है प्रसन्न तो करें ये 7 प्रकार के दान



Vaishakh maas ka daan: चैत्र माह के बाद बैशाख माह प्रारंभ होता है। 14 अप्रैल 2025 से वैशाख मास प्रारंभ होकर 13 मई 2025 को समाप्त होगा। इस माह में अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती, गंगा सप्तमी, वरुथिनी एकादशी, मोहिनी एकादशी, बुद्ध पूर्णिमा और नारद जयंती जैसे प्रमुख त्योहार रहते हैं। हिंदू पुराणों में वैशाख मास को अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी बताया गया है। देव पूजा, दान और पुण्य के लिए यह मास श्रेष्ठ है। इस माह में 7 प्रकार के दान करने से सभी कुछ प्राप्त कर सकते हो।

 

1. जलदान: इस माह में प्याऊ लगाकर पशु पक्षियों के लिए अन्न- जल की व्यवस्था करना, राहगीरों को जल पिलाना पुण्य का कार्य माना गया है। ऐसा करने से सीधे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। वैशाख माह में शिवलिंग पर जल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। 

 

2. वृक्ष दान: इस माह में छायादार वृक्ष की रक्षा करना, वृक्ष लगाना और उन्हें नित्य जल अर्पण करना भी पुण्य का कार्य है। इससे सभी तीर्थों की यात्रा का फल मिलता है।

 

3. पंखा दान: इस माह में जरूरतमंदों को पंखा दान करना चाहिए इससे श्रीहरि विष्णु प्रसन्न होकर पापों से मुक्त कर देते हैं। इसके अलावा मटका और शरबत भी दान करना शुभ होता है। 

 

4. पादुका दान: कहते हैं कि इस माह में यदि जो व्यक्ति किसी जरूरतमंद को पादुका यानी जूते चप्पल और चटाई दान करता हैं, वह यमदूतों का तिरिस्कार करके श्रीहरि के लोक को प्राप्त करता है।

 

5. अन्न दान: इस माह में जरूरतमंदों व गरीबों को फल, शरबत, सत्तू,  दही, खांड, चावल, गेहूं, चावल, दाल, आटा, घी, शक्कर आदि दान करना चाहिए। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस माह घी का दान करने से अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है। गुड़ का दान करने से सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, जिससे करियर में उन्नति और समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। सत्तू का दान करने से सूर्य और बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है। 

 

6. वस्त्र दान: इस माह में जरूरतमंदों को सूती वस्त्रों का दान करना चाहिए। 

 

7. पिंडदान: इस माह में पितरों के निमित्त तर्पण कर्म करने के साथ ही पिंडदान भी करना चाहिए। 

 



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