टैरिफ पर क्यों बैकफुट पर आए ट्रंप, क्या है मामले का अल्ट्रारिच कनेक्शन?


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Trump backfoot on Tariff : अमेरिका और चीन के बीच तेज होती टैरिफ जंग के बीच अमेरिका ने 75 देशों को 90 दिनों के लिए टैरिफ से राहत दे दी है। भारत समेत उन सभी देशों पर अब 10 फीसदी बेसलाइन टैरिफ लगाया जाएगा जिन्होंने अमेरिका पर जवाबी टैक्स नहीं लगाया। ट्रंप के एलान के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में 10 फीसदी का उछाल आ गया। आइए जानते हैं कि मात्र 7 दिन में ट्रंप बैकफुट पर क्यों आ गए? क्या है मामले का अल्ट्रारिच कनेक्शन?

 

ट्रंप टैरिफ के चलते अमेरिका समेत दुनियाभर के बाजारों में हड़कंप मचा हुआ था। देखते ही देखते निवेशकों के 10 लाख करोड़ स्वाहा हो गए। अमेरिका के अमीरों पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ा। देश पर भी मंदी, महंगाई और बेरोजगारी का खतरा मंडराने लगा। ALSO READ: अमेरिका-चीन में तेज हुआ ट्रेड वॉर, डोनाल्ड ट्रंप ने ड्रेगन पर लगाया 125% टैरिफ, 90 देशों को दी राहत

 

टैरिफ के चलते एलन मस्क, जेफ बेजोस, मार्क जुकरबर्ग, लैरी एलिसन, स्टीव बाल्मर और बिल गेट्स समेत कई अमेरिकी दिग्गजों को भारी नुकसान हुआ। यहां तक कि जुर्करबर्ग तो 200 अरब डॉलर क्लब से ही बाहर हो गए। 

 

मस्क ने सार्वजनिक रूप से ट्रंप के टैरिफ की आलोचना की। उन्होंने अमेरिकी राष्‍ट्रपति से टैरिफ वापस लेने की मांग की। बिल एकमैन भी टैरिफ की वजह से ट्रंप से खासे नाराज है। उनका मानना था कि टैरिफ की वजह से दशकों तक अमेरिका को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

 

ट्रंप टैरिफ की वजह से अल्ट्रारिज कैन लंगन भी बुरी तरह फ्रस्टेट हो गए। उन्होंने ट्रंप की नीतियों को ज्यादा आक्रामक बताया। हालांकि उन्होंने 10 फीसदी टैरिफ की बात कही। जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भी टैरिफ की वजह से अमेरिका में महंगाई और मंदी की चेतावनी दे दी। अरबपति निवेशक स्टेनली ड्रकेनमिलर ने भी ट्रंप टैरिफ का समर्थन करने से पूरी तरह इनकार कर दिया। 

 

बताया जा रहा है कि इन 5 अल्ट्रारिच दिग्गजों द्वारा बनाए गए दबाव की वजह से ट्रंप को बैकफुट पर आना पड़ा। बहरहाल इस फैसले से अमेरिकी शेयर बाजार गुलजार हो गए और अमेरिकी शेयर बाजार का मुल्यांकन एक ही दिन में 3.1 लाख करोड़ डॉलर बढ़ गया।
edited by : Nrapendra Gupta 



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