ई-मित्र की तर्ज पर विकसित हो डाकघर – डाॅ वीरेन्द्र भाटी मंगल

विश्व डाक दिवस: ई-मित्र की तर्ज पर विकसित हो डाकघर – डाॅ वीरेन्द्र भाटी मंगल

वर्तमान दौर में भारतीय डाक विभाग के पुर्नगठन की आवश्यकता महसूस होती है, इससे डाक सेवाओं में नयापन आने के साथ ही जनता का विश्वास भी हासिल किया जा सकता है। विश्व डाक दिवस प्रत्येक वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो विश्व में डाक सेवाओं के महत्व को दर्शाता है। यह दिवस 1874 में वर्ल्ड पोस्टल यूनियन (डब्ल्यूपीयू) की स्थापना की याद में मनाया जाता है, जो विश्व में डाक सेवाओं को संगठित और व्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डाक सेवाएं हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं। यह सेवाएं हमें दुनिया भर में लोगों से जुड़ने और संवाद करने का एक सुरक्षित और विश्वसनीय तरीका प्रदान करती हैं। डाक सेवाएं न केवल पत्र और पैकेट भेजने के लिए उपयोग की जाती हैं, बल्कि ये व्यवसाय, शिक्षा, और सरकारी सेवाओं के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

विश्व डाक दिवस का उद्देश्य के अन्तर्गत डाक सेवाओं के महत्व को बढ़ावा देना है। विश्व स्तर पर डाक सेवाये सुचारू रूप से संचालित हो, इसके लिए डाक सेवाओं की विभिन्न भूमिकाओं को पहचान कर उसके अनुरूप कार्य करना होता है। इसके अलावा इस दिन यह भी ध्यान में रखा जाता है कि कैसे डाक सेवाओं में सुधार और नवाचार कर डाक सेवा को प्रोत्साहित किया जा सके। डाक दिवस मनाने के पीछे मुख्य भावना यही है कि इसके माध्यम से विश्व में संचार और सहयोग को बढ़ावा कैसे दे सके।

लगभग एक दशक से डाक विभाग के हालात चिंताजनक अवस्था में है। दिन-प्रतिदिन डाक विभाग के प्रति लोगों का मोह कम होता जा रहा है, वहीं सोशल मीडिया के बढते साधनों के कारण त्वरित कार्यवाही के लिए अधिकतर काम डाक विभाग के बिना संभव है। लेकिन आज भी डाक विभाग द्वारा जरूरी डाक व पार्सल सेवा की जा रही है, लेकिन बदलते हालातों में भारत सरकार को डाक विभाग को मजबूज कडी बनाये जाने के लिए चिंतन करना चाहिए। देश के अनेक डाक घरों मंे अपर्याप्त स्टाफ होने की बात सामने आने से, डाक विभाग के दिन- प्रतिदिन के कार्यों में बहुत सी बाधाओं का सामना आम जनता को करना पडता है। अगर डाक विभाग को ईमित्र की तर्ज पर संचालित किया जाये तो एक बहुत बड़ा काम देश की आधुनिक संचार व्यवस्था में हो सकता है। आज भी प्राचीन परम्परा के आधार पर संचालित डाक घरों को आधुनिक बनाने की अपेक्षा है। इस दौर में डाक घरों के प्रति सरकार ध्यान देकर पुनः जनता की सेवा के लिए समर्पित कर सकती है। केवल चिट्टी पत्री बांटना ही डाक विभाग का कार्य नहीं है बल्कि अनेक अन्य कार्य भी डाक कर्मचारियों को संपादित करने पडते है। इसलिए कर्मचारियों को सदुपयोग करते हुए डाक विभाग को आधुनिक स्वरूप में ढालने की जरूरत है।

विश्व डाक दिवस के अवसर पर भारत सरकार सहित अनेक देशों में विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करता है, जिसके अन्तर्गत डाक टिकटों का विशेष संग्रह जारी किया करने के साथ साथ डाक सेवाओं में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार भी प्रदान किये जाते हैं। सही मायने में डाक सेवा के प्रति वर्तमान दौर में जागरूकता अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है। इस अभियान से जहां डाक विभाग की सेवाओं में वृद्धि होगी वहीं लोगों का विश्वास भी डाक विभाग के प्रति बढेगा। विश्व डाक दिवस हमें डाक सेवाओं के महत्व को याद दिलाता है और हमें संचार और सहयोग के महत्व को समझने का अवसर प्रदान करता है। डाक सेवाएं हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और हमें विश्व में लोगों से जुड़ने का एक सुरक्षित और विश्वसनीय तरीका प्रदान करती हैं।

  • डाॅ वीरेन्द्र भाटी मंगल ,लाडनूं राजस्थान, 9413179329

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