Parivartini Ekadashi Vrat: परिवर्तिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा? जानें इस व्रत का महत्व और फायदे

[ad_1]

 Parivartini Ekadashi Vrat

Parivartini Ekadashi Vrat

Parivartini Ekadashi 2024 : भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी, पद्मा और पार्श्व एकादशी कहते हैं। इसे डोल ग्यारस भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भाद्रपद शुक्ल एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु करवट बदलते हैं। इसीलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। परिवर्तिनी एकादशी के व्रत से सभी दु:ख दूर होकर मुक्ति मिलती है। इस दिन को व्रत करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप का जलवा पूजन किया गया था। इसीलिए इसे डोल ग्यारस कहा जाता है।ALSO READ: Aja ekadashi 2024: अश्‍वमेध यज्ञ के बराबर फल देता है यह व्रत, पढ़ें अजा एकादशी की कथा

 

एकादशी तिथि प्रारम्भ- 13 सितम्बर 2024 को रात्रि 10:30 बजे से।

एकादशी तिथि समाप्त- 14 सितम्बर 2024 को रात्रि 08:41 बजे तक।

 

1. परिवर्तिनी एकादशी का महत्व : इस दिन भगवान विष्णु करवट लेते हैं, इसलिए इसको परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन व्रत करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा करने से तीनों लोक पूज्य होते हैं। इस दिन व्रत करने से वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है और समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।

 

2. पद्मा एकादशी : इसे पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह देवी लक्ष्मी का आह्लादकारी व्रत है इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है।

 

3. डोल ग्यारस : इस दिन भगवान कृष्ण के बालरूप बालमुकुंद को एक डोल में विराजमान करके उनकी शोभा यात्रा निकाली जाती है। इसीलिए इसे डोल ग्यारस भी कहा जाने लगा।

Ekadashi Vishnu 2024

4. वामन ग्यारस : इसी दिन राजा बलि से भगवान विष्णु ने वामन रूप में उनका सर्वस्व दान में मांग लिया था एवं उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर अपनी एक प्रतिमा को राजा बलि को सौंप दी थी, इसी वजह से इसे वामन ग्यारस भी कहा जाता है।ALSO READ: Putrada Ekadashi 2024 Date: श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा का मुहूर्त और कथा

 

  • इस एकादशी पर भगवान विष्‍णु के वामन अवतार की कथा सुनने से लाभ मिलता है।
  • परिवर्तिनी एकादशी के व्रत से सभी दु:ख दूर होकर मुक्ति मिलती है। 
  • इस दिन को व्रत करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। 
  • इस दिन गेंहू, धन, फल, वस्त्र और सिंदुर का दान करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
  • इस दिन भोजन पूर्व गाय माता को चारा खिलाने से दरिद्राता दूर होती है।
  • इस एकादशी पर व्रत रखने और विष्णु पूजन करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु, लक्ष्मी और श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Back To Top