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भारत के सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार शायद ही कभी खत्म हो। कितनी ही सरकारें आती रहें और जाती रहें। ऐसा ही नजारा मध्यप्रदेश के नीमच में देखने को मिला जहां एक व्यक्ति जनसुनवाई में अजगर की तरह रेंगता हुआ पहुंचा। आवेदन और सबूतों के दस्तावेज देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होता देख इसने अफसरशाही और सत्ता को जगाने का अनोखा तरीका अपनाया।
नीमच में जनसुनवाई में रेंगते हुए पहुंचने वाला ये शख्स अपने साथ शिकायतों और सुबूतों के कागजों के ढेर को घसीटता हुआ @DrMohanYadav51 सरकार की लाचारी दर्शा रहा है।
इनका नाम मुकेश प्रजापति है जो न्याय की गुहार लगाने कलेक्टर कार्यालय पहुँचे है। pic.twitter.com/6Tmzpug5c9
— MP Congress (@INCMP) September 3, 2024
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नीमच जिले की पंचायत कांकरिया तलाई में निर्माण और विकास कार्यों के नाम पर तत्कालीन सरपंच और उसके पति पर करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप गांव के मुकेश प्रजापति द्वारा लगातार लगाए जा रहे हैं। व्यक्ति का कहना था कि उसने तथ्यों के साथ लोकायुक्त को भी शिकायत की। मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया, लेकिन नीमच प्रशासन से लेकर शासन तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
शिकायतकर्ता ने आवेदनों और सबूतों के कागजों की लंबी माला बनाकर खुद पर लपेटकर अजगर की तरह रेंगता हुआ कलेक्ट्रेट पहुंचा। यहां भ्रष्टाचार के अजगर के अंत के लिए नवागत कलेक्टर से उसने जांच और सख्त कारवाई की मांग की।
राज्य में जुलाई के बाद से इस तरह के दूसरे मामले में ‘लोटकर’ किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद, नीमच के जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्र ने अधिकारियों को व्यक्ति की शिकायत की नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया।
सोशल मीडिया पर मुकेश प्रजापत नाम के प्रदर्शनकारी व्यक्ति का एक वीडियो सामने आया और राज्य कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के अपने आधिकारिक हैंडल पर क्लिप को शेयर किया।
वीडियो में प्रजापत जिला कलेक्टरेट के परिसर के अंदर सड़क पर कागजों की एक माला लटकाए हुए दिखाई दे रहा है। उसका दावा है कि ये कागज उसके पैतृक गांव कांकरिया के सरपंच के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं।
प्रजापत ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि वह पिछले छह से सात वर्षों से अपनी शिकायतें बता रहे हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। एसडीएम ममता खेड़े ने कहा कि प्रजापत एक सरपंच के खिलाफ शिकायत लेकर आए थे और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पहले ही कर ली है।
खेड़े ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर नए सिरे से जांच की जाएगी। हर मंगलवार को मध्यप्रदेश के सभी जिलों में कलेक्टर कार्यालय के परिसर में जन सुनवाई आयोजित की जाती है, जहां वरिष्ठ अधिकारी नागरिकों द्वारा उठाई गई शिकायतों पर गौर करते हैं। जुलाई में, मंदसौर जिले में एक बुजुर्ग किसान ने कलेक्टर कार्यालय के फर्श पर लोटते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन ने जमीन हड़पने की उनकी शिकायत का समाधान नहीं किया।
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