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Rahul Gandhi's conversation with the railway trackman: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को यह उल्लेख करते हुए हुए कि ट्रैकमैन भारतीय रेलवे के सबसे उपेक्षित कर्मचारी हैं, उनकी (ट्रैकमैन) समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसके साथ ही इस बात पर जोर दिया कि करोड़ों लोगों की सुरक्षित रेल यात्रा केवल उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही संभव है।
गांधी ने दिल्ली छावनी रेलवे स्टेशन पर ट्रैकमैन के साथ अपनी हालिया बातचीत के एक वीडियो के साथ सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में यह टिप्पणी की। कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में कहा कि रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में 'न कोई 'प्रमोशन' है, न ही 'इमोशन' है। भारतीय रेल कर्मचारियों में ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं, उनसे मिलकर उनकी समस्याओं और चुनौतियों को समझने का मौका मिला।
उन्होंने कहा कि ट्रैकमैन 35 किलो औजार उठाकर रोज 8-10 किलोमीटर पैदल चलते हैं। गांधी ने कहा कि उनकी नौकरी ट्रैक पर ही शुरू होती है और वो ट्रैक से ही रिटायर हो जाते हैं। जिस विभागीय परीक्षा को पास कर दूसरे कर्मचारी बेहतर पदों पर जाते हैं, उस परीक्षा में ट्रैकमैन को बैठने भी नहीं दिया जाता।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि ट्रैकमैन भाइयों ने बताया कि हर साल करीब 550 ट्रैकमैन काम के दौरान दुर्घटना के शिकार होकर जान गंवा देते हैं, क्योंकि उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि विपरीत परिस्थितियों में बिना बुनियादी सुविधाओं के दिन-रात कड़ी मेहनत करने वाले ट्रैकमैन भाइयों की इन प्रमुख मांगों को हर हाल में सुना जाना चाहिए।
गांधी ने कहा कि काम के दौरान हर ट्रैकमैन को 'रक्षक यंत्र' मिले जिससे ट्रैक पर ट्रेन आने की सूचना उन्हें समय से मिल सके। उन्होंने कहा कि ट्रैकमैन को विभागीय परीक्षा के जरिए तरक्की का अवसर मिले। ट्रैकमैन की तपस्या से ही करोड़ों देशवासियों की सुरक्षित रेल यात्रा पूरी होती है, हमें उनकी सुरक्षा और तरक्की दोनों सुनिश्चित करनी ही होंगी। वीडियो में गांधी ट्रैकमैन से उनके मुद्दों और सुरक्षा चिंताओं के बारे में जानते दिखते हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta
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