सभ्यता के उत्कृष्ट पुरुष है श्रीराम -डाॅ वीरेन्द्र भाटी मंगल
राम मन्दिर निर्माण के पश्चात प्रथम बार इस रामनवमी को देशभर के श्रद्वालुओं में जबरदस्त आस्था और उमंग देखने को मिली है। राम भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरूष है। रामराज्य की परिकल्पना का स्वरूप हमारी संस्कृति एवं परम्परा सदैव देखा जाता है। मर्यादाओं के राम का आगमन निश्चित ही शुभ संकेत है। राम की मर्यादा एक प्रमुख भारतीय सांस्कृतिक मूल्य है। इसका अर्थ है धर्म,नैतिकता और सम्मान के प्रति पारंपरिक समर्पण। रामायण में भगवान राम के व्यवहार और व्यक्तित्व ने इस मर्यादा को परिभाषित किया है। उनका व्यवहार, उनकी सामर्थ्य और उनका समाज में योगदान इस मर्यादा को महत्वपूर्ण बनाते हैं। उन्होंने अपने जीवन में न्याय,सत्य और धर्म के प्रति स्थिरता का परिचय दिया। इसीलिए, राम की मर्यादा हमें सदैव सही रास्ते पर चलने का मार्गदर्शन करती है।
राम भारतीय साहित्य और धर्म के एक प्रमुख चरित्र हैं।उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम यानी सभ्यता के उत्कृष्ट पुरुष के रूप में जाना जाता है। उनका जीवन और उनकी विचारधारा धर्म, न्याय और मानवता के प्रति अत्यंत समर्पित था। रामायण उनके जीवन की कहानी उनके परिवार और सम्प्रदाय के साथ उनके संघर्षों को विस्तृत रूप से वर्णित करता है। उनका प्रेम,विश्वास और सहनशीलता हमें एक उत्तम मानवीय आदर्श के प्रति प्रेरित करती हैं। राम की कहानी हमें सच्चे धर्म और अध्यात्म की ओर दिशा प्रदान करती है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आदर्श हैं। उन्हें श्मर्यादा पुरुषोत्तमश् कहा जाता है क्योंकि वे मर्यादाओं का पालन करते हुए एक पूर्ण और आदर्श पुरुष थे। राम धर्म, कर्तव्य, नैतिकता, और सामाजिक संगठन के प्रतीक माने जाते हैं।उनकी विवेकपूर्ण और साधारण जीवनशैली,मित्रता और धैर्य हर व्यक्ति को प्रेरित करती है। उनके जीवन की कहानी हमें कर्तव्यनिष्ठा,सहानुभूति और सामर्थ्य की प्रेरणा देती है।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम हिंदू धर्म के प्रमुख देवता माने जाते हैं। उन्हें रामायण के प्रमुख पात्र के रूप में जाना जाता है, जो धर्म, नैतिकता, और शिक्षा के प्रतीक हैं। उनकी मर्यादा, धर्म, और विवेक की प्रशंसा हमें सबक सिखाती है। उनका जीवन उत्कृष्ट आदर्शों और महानता का प्रतीक है। राम की मर्यादा एक प्राचीन भारतीय मूल्य है जो उनके जीवन के अनुसार परिभाषित होती है। वे अपने जीवन में धर्म, सच्चाई, और न्याय के प्रति समर्पित थे। उनकी मर्यादा का अर्थ है धर्म,नैतिकता और सम्मान का पालना करना। रामायण में उनकी विविधता का उदाहरण मिलता है, जहां वे एक पति, एक पुत्र, और एक राजा के रूप में अपनी मर्यादा को पारित करते हैं। राम की मर्यादा हमें उनके विचारों और कृतित्व का अद्वितीय उदाहरण प्रदान करती है, जो आज भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है।
राम की मर्यादा का वर्णन भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है। राम ने अपने जीवन में धर्म, कर्तव्य, और नैतिकता के मामले में एक मर्यादित जीवन जीने का उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके प्रेरणास्त्रोत आदर्शों ने हमें धार्मिक और सामाजिक सुधार के लिए प्रेरित किया है।उनकी विशेषता में समर्पण, सहनशीलता और विनम्रता शामिल हैं। राम की मर्यादा हमें यह सिखाती है कि एक सच्चे नेता का कार्यक्षेत्र अपने कर्तव्यों को पूरा करने में होना चाहिए, समाज के हित में और न्याय के साथ।
राम की मर्यादा एक महत्वपूर्ण विषय है जो हमारे समाज में गहरी मूल्यों को दर्शाता है। राम एक प्रेरणास्त्रोत है जो धर्म,नैतिकता, और जीवन के नियमों का पालन करते हुए एक आदर्श जीवन जीते थे। उनकी मर्यादा का पालन करने से ही हम समाज में सामंजस्य, न्याय, और सम्मान की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं। उनके जीवन की कई कथाएं हमें यह सिखाती हैं कि कैसे समर्थन, धैर्य, और समरसता के माध्यम से हम सभ्यता और धर्म के मार्ग पर चल सकते हैं।
- -डाॅ वीरेन्द्र भाटी मंगल , लक्ष्मी विलास, लाडनूं 341306 राजस्थान