गुरूकुलों के जनक थे वर्णी जी – आचार्य सुनील सागर

वर्णी संस्थान विकास सभा का नैमित्तिक अधिवेशन अजमेर में

गुरूकुलों के जनक थे वर्णी जी -आचार्य सुनील सागर

अजमेर/ज्ञानप्रवाह न्यूज – परम् पूज्य 108 आचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज के ससंघ सान्निध्य में जैन नसिया में 4 मई को वर्णी संस्थान विकास सभा सागर का नैमित्तिक अधिवेशन संपन्न हुआ।

उपस्थित अतिथियों के द्वारा आचार्य श्री आचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज को श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद लेकर सत्र का प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में चित्रावरण, दीपप्रज्वलन राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी एवं मंगलाचारण संजय शास्त्री ने किया।पश्चात परिषद के अध्यक्ष डॉ हरिशचंद जैन की अध्यक्षता में निम्न विषय पर चर्चा हुई । जिसमें गुरुकुलों की ओर छात्रों को प्रेरित करने हेतु वर्णी भावना के अनुरूप वर्णी ज्ञानदान प्रभावना रथ (एक प्रयास गुरुकुलों के नाम) वर्णी जन्म भूमि स्मारक हँसेरा लोकार्पण कार्यक्रम वर्णी स्मृतिद्वार( कीर्ति स्तंभ) निर्माणस्मारिका प्रकाशन कार्य, इन विषयों पर सभी विद्वानों ने अपने-अपने विचार रखें।

अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डां हरिशचंद्र शास्त्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य वर्णी जी के द्वारा किए गए कामों को एक बार फिर आगे बढ़कर इन गुरुकुलों का पुनर्जीणोधार किया जाए।

कार्यक्रम संयोजक चंदेश शास्त्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य आगे आने वाली पीढ़ी को वार्णी जी द्वारा किए गए कामों का स्मरण करना है ,जिससे जैन धर्म की प्रभावना बनी रहे ।

आशीष वचन में आचार्य श्री आचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज ने वर्णी जी को जैन गुरुकुलों का जनक बताया और उन्होंने इसकी शुरुआत ₹ 1 की 64 पोस्टकार्ड खरीद कर की थी और वाराणसी में प्रथम जैन महाविद्यालय की स्थापना की जिसमें आचार्य विद्यासागर जी महाराज के गुरु आचार्य ज्ञानसागर जी ने भुरामल के नाम से अध्ययन किया । ऐसे महापुरुष पूज्य वार्णी जी जिनका उपकार जैन समाज कभी भुला नहीं सकता है ।कार्यक्रम का संचालन संयोजक चंद्रेश शास्त्री एवं आभार मनीष विद्यार्थी ने माना।

इस अवसर पर परमसंरक्षक पंडित श्री जीवंधर जी शास्त्री, अध्यक्ष पं श्री हरिश्चंद्र शास्त्री,संरक्षक पं श्री जयंत जी शास्त्री सीकर ,संरक्षक पं श्री करोड़ीलाल जी शास्त्री बंडा,कोषाध्यक्ष राजेन्द्र जी शास्त्री, सहसंयोजक कमलेश जी शास्त्री, संस्कृति मंत्री पं श्री संजय शास्त्री तिगोढा डॉ प्रियंक जैन,पं.कोमलचंद जी नसीराबाद ,मनीष शास्त्री विद्यार्थी मीडिया प्रभारी,श्री अखिलेश जी मीडिया अजमेर आदि रहे।

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