लोकसभा में बुधवार को वक्फ बिल पर मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा, जानिए क्या है सदन की संख्या से लेकर सियासत तक समीकरण?


विपक्ष के भारी विरोध के बीच मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल को बुधवार लोकसभा में पेश करेगी। लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विधेयक को पेश करने की जानकारी दे गई। बताया जा रहा है कि बुधनवार को प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे सरकार वक्फ संशोधन बिल पेश करेगी, वहीं बिल पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय तय किया गया है। बताया जा रहा है कि सरकार बुधवार को ही लोकसभा से बिल को पेश कर सकती है।

वहीं भाजपा ने अपने सभी सांसदों  को बुधवार को सदन मे रहने के लिए ट्रिपल लाइन व्हिप जारी किया है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि सरकार बिल के हर प्वाइंट पर बहस के लिए तैयार है और विपक्ष के हर सवाल का जवाब देगी। उन्होंने विपक्ष से अपील की है कि वह बहस में भाग लें नकि बहस का वॉकआउट करें।

लोकसभा मे बिल पास कराना क्या सरकार के लिए चुनौती?–लोकसभा में सरकार की ओर से वक्फ संसोधन बिल लाने की तैयारी के बीच विपक्ष अब खुलकर बिल के विरोध में आ गया है। विपक्ष ने बिल पर 12 घंटे की चर्चा का मांग करते हुए एलान किया है कि वह विधेयक का विरोध करेगी। कांग्रेस के समाजवादी, टीएमसी और आम आदमी पार्टी बिल के विरोध में है। वहीं सरकार को समर्थन दे रही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने अभी पूरी तरह से अपना रूख का साफ नहीं किया है।

जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि मुस्लिम लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी आपत्तियां और सुझाव दिया था, जिसके समिति के सामने रखा था। वहीं सरकार को समर्थन देने वाली अहम सहयोगी टीडीपी ने भी अभी अपना रूख साफ नहीं किया है। टीडीपी के नेताओं  का दावा है कि पार्टी नेता चंद्रबाबू नायूड मुस्लिम भाईयों के हितों की रक्षा करेंगे।

ऐसे में लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास कराना क्या मोदी सरकार के सामने एक चुनौती है, इसके समझने के लिए सदन की मौजूदा  संख्या बल को समझना होगा। लोकसभा  में वर्तमान में कुल 542 सदस्य हैं, इसमें भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के कुल 293 सांसद है जो सदन के 272 के आंकड़े से कही अधिक है। वहीं अगर विपक्ष की बात करें तो इंडिया ब्लॉक में शामिल सभी दलों को मिलाकर सदस्यों की कुल संख्या 233 है, इसके साथ ही कुछ निर्दलीय सांसदों के साथ कई छोटे दलों ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है। ऐसे में अगर सदस्य संख्या के हिसाब से सरकार को बिल पास कराने में कोई चुनौती नहीं आने वाली है।

वक्फ संशोधन विधेयक पर अब तक क्या हुआ?- वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इस पर विस्तृत चर्चा के लिए 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा दिया गया था।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट 13 फरवरी को संसद में पेश कर दी थी। जेपीसी की 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट में भाजपा के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव शामिल किए गए है। वहीं  विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज कर दिया था। समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के सभी 44 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव रखा था और उन्होंने दावा किया था कि समिति की ओर से प्रस्तावित कानून विधेयक के 'दमनकारी' चरित्र को बरकरार रखेगा और मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करेगा।

वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध क्यों?-वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्ष के भारी विरोध के बीच संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने बिल को सही बताते हुए कहा  कि विपक्ष केवल मुसलमानों में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है, उन्होंने कहा कि विधेयक के पास होने के बाद किसी की जमीन नहीं छीनी जाएगी। वहीं उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल से वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों को सुलझाने का अधिकार मिलेगा. इससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा और मुस्लिम समाज की महिलाओं को भी फायदा मिलेगा।

वक्फ संशोधित विधेयक में प्रावधान किया गया है कि केवल कम से कम 5 साल तक इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति वक्फ घोषित कर सकता है, जो इस्लामी कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से समर्पित संपत्तियों को संदर्भित करता है। समिति द्वारा पारित एक संशोधन में कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति को यह दिखाना या प्रदर्शित करना चाहिए कि वह 5 साल से धर्म का पालन कर रहा है। विधेयक में मौजूदा कानून के तहत पंजीकृत प्रत्येक वक्फ के लिए प्रस्तावित कानून के लागू होने से 6 महीने की अवधि के भीतर अपनी वेबसाइट पर संपत्ति का विवरण घोषित करना अनिवार्य बना दिया गया है।

लोकसभा में जो वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जा रहा है, उसमें बडे बदलाव किए जा रहे है। अब कलेक्टर वक्फ संपत्ति का सर्वे कर सकेगा और यह तय करने का अधिकार होगा कि कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं। इसके साथ ही वक्फ संशोधन विधेयक में किए गए प्रवाधन के बाद अब वक्फ संपत्ति से जुड़े किसी विवाद में हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है, जबकि पहले वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला ही अंतिम माना जाता था। वहीं अब वक्फ बिना दान मिले किसी संपत्ति पर अपना दावा नहीं कर सकता. पहले, अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता था, तो वह वक्फ की संपत्ति मानी जाती थी। अब वक्फ बोर्ड में एक महिला और एक अन्य धर्म का सदस्य अनिवार्य होगा. पहले, बोर्ड में महिला या किसी अन्य धर्म के सदस्य नहीं होते थे।



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